कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर बेनामी संपत्ति हड़पने का आरोप

RTI एक्टिविस्ट ने सिद्धारमैया पर बेनामी संपत्तियों के आरोप लगाए, जांच की मांग, राजनीतिक तूफान खड़ा।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर एक नया विवाद छा गया है। RTI (सूचना का अधिकार) एक्टिविस्ट ने उन पर बेनामी संपत्तियों को हड़पने का गंभीर आरोप लगाया है। इस मामले में उन्होंने जांच की मांग की है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह मामला तब सामने आया जब एक RTI के जवाब में कुछ दस्तावेज़ सामने आए। इन दस्तावेज़ों के अनुसार, सिद्धारमैया के पास ऐसी संपत्तियां हैं जो कि उनके नाम पर नहीं हैं, यानि ये बेनामी संपत्ति के श्रेणी में आती हैं।

अधिवक्ता और RTI कार्यकर्ता ने यह आरोप लगाया कि सिद्धारमैया ने अपनी राजनीतिक शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए कई संपत्तियों को अपने करीबी रिश्तेदारों और दोस्तों के नाम पर स्थानांतरित किया है, ताकि उनकी असली संपत्ति छुपी रह सके। ऐसा करने के पीछे का तर्क यह है कि इससे उन्हें राजनीतिक और आर्थिक सुरक्षा मिलेगी। जब से यह मामला सामने आया है, कर्नाटक की राजनीतिक धारा में हड़कंप मच गया है।

सिद्धारमैया के समर्थक इस आरोप को राजनीति से प्रेरित बताते हैं। उनका कहना है कि उन पर लगे आरोप निराधार हैं और राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा हैं। हालांकि, विपक्ष इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने का प्रयास कर रहा है। उन्हें लगता है कि यह आरोप सिद्धारमैया की प्रशासनिक योग्यता पर सवाल उठाते हैं।

इस पूरे मामले में जानकारी जुटाने के लिए RTI एक्टिविस्ट ने कई सरकारी कार्यालयों से जानकारी मांगी है। जब इस मामले पर मीडिया ने सिद्धारमैया से प्रतिक्रिया मांगी, तो उन्होंने इस आरोप का जोरदार खंडन किया। सिद्धारमैया ने कहा कि ऐसे आरोप उनके खिलाफ पहले भी लगाए गए हैं लेकिन वे हर बार बेबुनियाद साबित हुए हैं।

विधानसभा चुनाव नजदीक होने के साथ-साथ इस तरह के बड़े विवादों का उठना राजनीतिक गर्मी को बढ़ा सकता है। हर कोई इस बात का इंतज़ार कर रहा है कि क्या इस मामले की वास्तविकता सामने आएगी या यह केवल वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा है।

हालांकि, यह स्पष्ट है कि पहेली पूरी होने से पहले, कर्नाटकी जमीनी राजनीति में और भी कई मोड़ आ सकते हैं। इस प्रकार के आरोपों से न केवल मुख्यमंत्री की छवि पर असर पड़ता है, बल्कि पूरे राज्य की राजनीतिक स्थिति भी प्रभावित होती है।

इस समय कर्नाटक में राजनीतिक तापमान बढ़ा हुआ है और इस मामले की गहराई में जाने के लिए अधिकारियों की सक्रियता आवश्यक है।

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