इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन की गिरफ्तारी: एक ऐतिहासिक पल

सद्दाम हुसैन की गिरफ्तारी ने इराक में कई बदलाब लाए। जानिए कैसे हुआ था यह घटनाक्रम और इसके क्या प्रभाव पड़े।

13 दिसंबर 2003 का दिन इराक और अंतरराष्ट्रीय राजनीति के लिए एक ऐतिहासिक पल था। इस दिन इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन को अमेरिकी सेना द्वारा गिरफ्तार किया गया। यह घटना सिर्फ इराक ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व की राजनीति पर एक गहरा प्रभाव डालने वाली थी।

सद्दाम हुसैन 24 वर्षों तक इराक पर हुकूमत कर चुके थे और उनके शासन में कई अत्याचार और मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाएँ सामने आई थीं। उनकी राजनीतिक दीवारें इतनी मजबूत थीं कि इराकी जनता ने काफी लंबे समय तक उनके शासन का सामना किया। लेकिन 2003 में जब अमेरिका ने इराक पर आक्रमण किया, तब सद्दाम की ताकत का उत्तराधिकार खत्म होने लगा।

सद्दाम हुसैन को पकड़ने के लिए अमेरिकी फोर्सेस ने कई रणनीतियाँ अपनाईं। उनकी जानकारी मिली कि सद्दाम एक छोटे से गांव में छिपे हुए हैं। इसके बाद, अमेरिकी सैनिकों ने ऑपरेशन ' रेड डॉन' शुरू किया। गिरफ्तार करने के बाद, सद्दाम की पहचान की गई और उन्हें हिरासत में लिया गया। इस दौरान उनकी तस्वीरें वायरल हुईं, जिसमें उन्होंने खुद को बचाने की कोशिश की। उनके चेहरे पर चिंता और आशंका दोनों झलक रहे थे।

सद्दाम हुसैन के पकड़ने के बाद उनके खिलाफ कई आरोप लगाए गए, जिसमें नरसंहार और युद्ध अपराध शामिल थे। उनके प्रति जो न्यायिक प्रक्रिया शुरू हुई, वो न केवल इराक बल्कि दुनिया के लिए एक मिसाल बनी। उन्हें 2006 में फांसी की सजा दी गई। यह घटना इराक में एक नए अध्याय की शुरुआत थी, जहाँ नागरिकों को अधिक स्वतंत्रता और अधिकार मिलने की उम्मीद थी।

सद्दाम हुसैन की गिरफ्तारी ने केवल इराक के राजनीतिक परिदृश्य को बदलने में मदद की, बल्कि यह भी सिद्ध किया कि तानाशाहों का अंत निश्चित होता है। इराक में अपने शासन के दौरान उनके द्वारा किए गए अन्याय और अत्याचारों के परिणामस्वरूप आज भी वहां की स्थिति अस्थिर है। सद्दाम की गिप्तारी ने मध्य पूर्व की राजनीति में कई बदलाव लाए, और यह बात आज तक चर्चा का विषय बनी हुई है। अनुशासन, मानवाधिकार और लोकतंत्र के लिए यह एक संघर्ष की कहानी है, जो कभी खत्म नहीं होगी।

इस गिरफ्तारी ने यह संदेश दिया कि कोई भी तानाशाह, चाहे कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, उसके मन में हमेशा डर और असुरक्षा रहती है। यही कारण है कि इराक में अब लोग एक नई दिशा और नई उम्मीदों के साथ देख रहे हैं।

अधिक समाचार पढ़ें

बॉक्सिंग डे टेस्ट में शुभमन गिल की जगह नया स्पिनर, रोहित शर्मा की एंट्री

शुभमन गिल की टेस्ट टीम में ना होने से भारत को मिलेगी नई ताकत, रोहित शर्मा का टॉप ऑर्डर में होना भी महत्वपूर्ण है।