त्रिपुरा में भूस्खलन से बर्बादी: 22 लोगों की मौत, अमित शाह ने मुख्यमंत्री से की बात
त्रिपुरा में भूस्खलन और बाढ़ से भारी नुकसान; 22 लोगों की जान चली गई, राहत कार्य जारी है।
त्रिपुरा में हाल ही में आए भूस्खलन और बाढ़ ने पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा दिया है। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 22 लोगों के मरने की पुष्टि हुई है। घटना के बाद, नरेंद्र मोदी सरकार के गृह मंत्री अमित शाह ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा से बात की और सभी जरूरी सहायता देने का आश्वासन दिया।
जिन इलाकों पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है, उनमें कांगरुप और तिर्चेरा शामिल हैं। भारी बारिश के कारण भूमि विभाजन और बाढ़ की स्थिति बन गई, जिससे कई घर नष्ट हो गए और लोगों का जीवन उद्ध्वस्त हुआ। स्थानीय प्रशासन ने 22 लोगों की मौत की पुष्टि की है, और बचाव कार्यों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें सक्रिय हैं।
घटनास्थल पर पहुंचे NDRF के जवानों ने मलबा हटाना शुरू कर दिया है और जो लोग लापता हैं, उनके खोजबीन का काम कर रहे हैं। हालांकि, स्थिति गम्भीर बनी हुई है और प्रशासन की ओर से सुरक्षात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। बाढ़ के पानी में कई क्षेत्रों में राहत सामग्री की आपूर्ति भी बाधित हो गई है।
पारिस्थितिकी संतुलन को देखते हुए राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन में सभी जरूरी कदम उठाए हैं। अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार त्रिपुरा की सभी आवश्यकताओं के साथ खड़ी है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया है कि सभी आवश्यक सहायता तुरंत उपलब्ध कराई जाए।
इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित परिवारों को सरकार द्वारा आर्थिक सहायता देने की भी घोषणा की गई है। लोग अपने प्रियजनों को खोने के दुख में हैं और चारों ओर से सहायता की गुहार लगाई जा रही है।
राज्य सरकार ने भी आगामी दिनों में भारी वर्षा के अलावा अन्य संभावित खतरों को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। लोगों से अपील की गई है कि वे भूस्खलन वाले इलाकों से दूर रहें और अपनी जान की सुरक्षा करें।
इस तरह की घटनाएं हमें यह याद दिलाती हैं कि प्राकृतिक आप disasters की प्रकृति के आगे हम कितने असहाय हो सकते हैं। ऐसे समय में हमें एकजुट होकर एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए और सरकार से मदद की अपेक्षा करनी चाहिए।