संजीव सैमसन की चैम्पियंस ट्रॉफी में अनुपस्थिति पर शशि थरूर का गुस्सा
संजीव सैमसन के नाम को चैम्पियंस ट्रॉफी टीम से हटाने पर शशि थरूर ने KCA को जिम्मेदार ठहराया। एक नए विवाद की शुरुआत।
भारत के क्रिकेट के शौकीनों के लिए बुधवार का दिन एक नया विवाद लेकर आया, जब युवा विकेटकीपर बल्लेबाज संजीव सैमसन का नाम 2025 की चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम से गायब हो गया। इस बात ने ना केवल क्रिकेट प्रशंकों को बल्कि भारतीय राजनीति में भी हलचल मचा दी है। खासकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए केरल क्रिकेट संघ (KCA) को जिम्मेदार ठहराया है।
सैमसन, जो पिछले कुछ समय से अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, उनकी अनुपस्थिति ने प्रशंकों में निराशा पैदा कर दी है। थरूर ने ट्विटर पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए लिखा, "किसी भी खिलाड़ी को उसके प्रदर्शन के आधार पर टीम में होना चाहिए। लेकिन ऐसा लगता है कि KCA ने सैमसन को गलत तरीके से दरकिनार किया है।"
यहाँ तक कि थरूर ने KCA की चयन प्रक्रिया पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि संघ को संयम से काम करना चाहिए और योग्य खिलाड़ियों को उचित अवसर देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि चुनौतीपूर्ण समय में केरल के क्रिकेटरों को समर्थन की आवश्यकता है, न कि उनके साथ अन्याय करने की।
संजू सैमसन ने पिछले वर्षों में अपनी बल्लेबाजी में स्थिरता साबित की है। IPL में उनकी उत्कृष्ट पारियों ने उन्हें एक प्रमुख खिलाड़ी बना दिया है। लेकिन उनकी गैरमौजूदगी ने सवाल उठाए हैं कि क्या चयन समिति ने उनके साथ भेदभाव किया।
केरल क्रिकेट संघ के अधिकारियों ने इस विवाद पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी है। प्रशंसकों का मानना है कि संघ को अपने चयन आधारों को फिर से देखना चाहिए ताकि आगे ऐसी समस्याएं न हों।
चैम्पियंस ट्रॉफी की भारतीय टीम में संजू सैमसन का नाम न होना एक बड़ा सवाल है। क्या वाकई KCA का इस विषय में कोई हाथ है? या फिर चयनकर्ताओं ने अपनी मर्जी से ऐसा कदम उठाया है? इस पर सटीक जवाब अभी तक नहीं मिले हैं।
संजीव सैमसन का भविष्य क्या होगा, ये देखना काफी दिलचस्प होगा। क्या वे अगले मौके पर चयनकर्ताओं का भरोसा जीत पाएंगे या फिर उन्हें अपने करियर में और संघर्ष करना पड़ेगा। क्रिकेट के इस गतिशील खेल में हर किसी को अपनी जगह बनाने के लिए लड़ाई करनी पड़ती है। सैमसन भी एक मजबूत वापसी के लिए जाने जाते हैं।
आगे देखना होगा कि ये विवाद कब समाप्त होता है और चयनकर्ता इस पर क्या कदम उठाते हैं। थरूर का यह बयान निश्चित रूप से मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है और प्रशंकों का ध्यान इस दिशा में केंद्रित है।