प्रधानमंत्री और आर्मी चीफ की कारगिल विजय दिवस पर खास मौजूदगी

प्रधानमंत्री लद्दाख में कारगिल विजय दिवस कार्यक्रम में शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे। आर्मी चीफ की भी पहुंच होगी।

कारगिल विजय दिवस हमारे देश के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। यह वह दिन है जब भारतीय सैनिकों ने 1999 में कारगिल युद्ध में विजय हासिल की थी। इसी उपलक्ष्य में हर साल 26 जुलाई को देशभर में विजय दिवस मनाया जाता है। इस बार का कार्यक्रम खास होने वाला है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद लद्दाख पहुंचेंगे। प्रधानमंत्री अपने दौरे के दौरान शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे और उनके बलिदान को याद करेंगे।

आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे भी इस कार्यक्रम का हिस्सा होंगे। उनका आना इस बात का प्रतीक है कि हमारे देश की सुरक्षा और शहीदों के प्रति सम्मान कितना गहरा है। कारगिल युद्ध के दौरान कई सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी और आज का दिन उन्हें याद करने का है।

प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा से शहीदों और उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। अब जब वह लद्दाख में इस कार्यक्रम में शामिल होंगे, तो यह एक ऐसी प्रेरणा होगी जो न केवल सैनिकों, बल्कि पूरे देश को एकजुट करेगी।

इस कार्यक्रम में विभिन्न प्रोग्राम्स का आयोजन किया जाएगा। स्कूल के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे, जिसमें शहीदों की शहादत पर आधारित नाटक और गाने प्रस्तुत किए जाएंगे। यह न केवल हमें अपने वीर जवानों की याद दिलाएंगे, बल्कि उनकी वीरता और समर्पण को भी प्रदर्शित करेंगे।

कारगिल विजय दिवस एक ऐसा समय है जब हम अपने देश के सैन्य बलों की सराहना करते हैं और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। यह दिन हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि हमें अपने देश की रक्षा के लिए कितना समर्पित होना चाहिए। हमें यह याद रखना चाहिए कि हमारी आज़ादी हमारे सैनिकों के बलिदान पर निर्भर करती है।

इस प्रकार, प्रधानमंत्री और आर्मी चीफ का इस वर्ष का कार्यक्रम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमें शहीदों की शहादत और बलिदान की स्मृति में एकजुट करता है। हम सभी को इस अवसर पर एकजुट होकर अपने वीर जवानों को याद करना चाहिए और उनके प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करनी चाहिए।

आज का दिन केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि एक समर्पण है उन सभी महान आत्माओं के लिए जिन्होंने हमारे लिए अपने जीवन की परवाह नहीं की। हम सभी को गर्व है अपने सैनिकों पर और हमें हमेशा उनके बलिदान को याद रखना चाहिए।

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