PM मोदी ने मार्सिले में भारतीय सैनिकों को दी श्रद्धांजलि
PM मोदी ने मार्सिले में प्रथम विश्व युद्ध में बलिदान देने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज फ्रांस के मार्सिले शहर में पहुंचकर प्रथम विश्व युद्ध में बलिदान देने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। यह यात्रा भारतीय सशस्त्र बलों के प्रति श्रद्धा और मान सम्मान व्यक्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस दौरान, मोदी ने उन साहसी सैनिकों की वीरता और बलिदान को याद किया जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।
मार्सिले में भारतीय सैनिकों की ओर से स्थापित एक स्मारक के पास पीएम मोदी ने पुष्पांजलि अर्पित की। यह स्मारक उन भारतीय सैनिकों के बलिदान की याद दिलाता है, जिन्होंने विदेशी धरती पर अपनी जान दी और देश की स्वतंत्रता तथा सम्मान के लिए लड़े। पीएम मोदी ने इस श्रद्धांजलि के माध्यम से एकता और भाईचारे का संदेश दिया। उन्होंने कहा, "हमेशा याद रहेंगे वो भारत के वीर जो अपने देश के लिए लड़े और अपने प्राणों की आहुति दी।"
इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करना है। मोदी ने आगे कहा कि भारतीय सैनिकों का बलिदान एक प्रेरणा है, जो हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने ये भी कहा कि भारत और फ्रांस के बीच गहरे संबंध तय करते हैं कि हम एक-दूसरे के साथ हैं।
मार्सिले भारतीय संस्कृति और इतिहास का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। यहां पर भारतीय समुदाय भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। पीएम मोदी की यह यात्रा उन सभी के लिए गर्व का विषय है जो भारतीय मूल के हैं।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि हमारी अगली पीढ़ियों को इस इतिहास के बारे में जानना चाहिए, ताकि वे भी उन बहादुर सैनिकों की कहानियों से प्रेरित हो सकें। उनकी अदम्य साहस और बलिदान हमें यह सिखाते हैं कि हमारे लिए क्या सही है।
यह यात्रा न केवल एक ऐतिहासिक घटना है, बल्कि यह भारतीय लीडरशिप का भी एक प्रदर्शित उदाहरण है, जो दुनिया को एक साझा संदेश देती है कि हम अपने इतिहास को भूले नहीं हैं। मोदी का यह दौरा एक बार फिर ये दर्शाता है कि भारत अपनी जड़ों को नहीं भूलता, चाहे वो कितनी भी दूर क्यों न हों। इस यात्रा के पीछे का उद्देश्य है कि हम अपने वीरों को हमेशा सम्मानित करें और उनके बलिदान को बनाएं अपनी पहचान का हिस्सा।
भारत और फ्रांस के बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम बेहद महत्वपूर्ण हैं। यह श्रद्धांजलि केवल एक रस्म नहीं है, बल्कि यह उन सभी सैनिकों के प्रति एक सच्चा सम्मान है जिन्होंने हमें स्वतंत्रता दिलाने के लिए संघर्ष किया।