पीलीभीत एनकाउंटर: NIA और ATS की जांच में मिल रहे अहम सबूत
पीलीभीत में एनकाउंटर के बाद NIA और ATS की जाँच में जुटी हैं। आतंकवादियों से जुड़े सबूतों की खोज जारी है।
पीलीभीत में हाल ही में हुए एनकाउंटर ने सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक नई चुनौती पेश की है। इस एनकाउंटर में कथित तौर पर खालिस्तानी आतंकवादी शामिल थे, जिन्हें पकड़ने के लिए NIA (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) और ATS (एंटी टेररिज्म स्क्वॉड) जैसे राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय सुरक्षा बलों ने मिलकर काम शुरू किया है। घटना के बाद से ही इन एजेंसियों ने जांच के लिए कई महत्वपूर्ण सबूतों की खोज शुरू कर दी है।
एनकाउंटर के बाद से पुलिस को कई ऐसे दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक सबूत मिले हैं, जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि पीलीभीत क्षेत्र में खालिस्तानी आतंकवादी सक्रिय थे। सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने इस संदर्भ में कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। सहयोगी एजेंसियां इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या ये आतंकवादी किसी बड़े प्लान का हिस्सा थे या इनका उद्देश्य स्थानीय लोगों के बीच भय का माहौल बनाना था।
इसी क्रम में, पुलिस ने बताया है कि उन्हें कुछ मोबाइल फोन और अन्य सामान मिले हैं, जिनसे इन आतंकवादियों के नेटवर्क के बारे में जानकारी मिल सकती है। विशेष रूप से, एनकाउंटर में दो आतंकवादी मारे गए थे, और उनकी पहचान से जुड़ी जानकारियों की भी जांच की जा रही है। इसके अलावा, इलाके में CCTV कैमरे की फुटेज भी खंगली जा रही है, जिससे यह पता चल सके कि ये आतंकवादी कब और कैसे वहाँ पहुँचे।
सुरक्षा मंत्रियों और आला अधिकारियों की एक बैठक भी इस मुद्दे पर बुलाई गई थी, ताकि इस गंभीर मामले की गंभीरता को समझा जा सके और आगे की कार्रवाई का रोडमैप तैयार किया जा सके। एनआईए और एटीएस के अलावा, स्थानीय पुलिस और इंटेलिजेंस ब्यूरो भी इस मामले की गहरी जांच कर रहे हैं।
इस एनकाउंटर ने यह साबित कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों की लड़ाई में कोई भी कसर नहीं छोड़ी जा रही है। आने वाले समय में, जांच रिपोर्ट्स और अन्य सबूतों की कमीशन से साझा करने पर ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि असल में पीलीभीत में ये आतंकवादी किस बड़े प्लान का हिस्सा थे। इस मामले की संवेदनशीलता के चलते लोगों में भी काफी चिंताएं हैं और वे चाहते हैं कि इस प्रकार की गतिविधियों पर अंकुश लगाया जाए।