मुकुंद नगर कोचिंग हब की सुरक्षा मानक पर एक साल बाद भी सवाल
मुकुंद नगर के कोचिंग सेंटर एक साल बाद भी सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं, बदलाव की आवश्यकता है।
मुकुंद नगर, जो कि दिल्ली का एक प्रमुख कोचिंग हब बन चुका है, पिछले एक साल से सुरक्षा मानकों को लेकर सवालों के घेरे में है। यहाँ पर आने वाले विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जो कदम उठाए जाने चाहिए थे, वो अभी भी अधूरे हैं।
हाल ही में एक टीम ने इस क्षेत्र का दौरा किया और पाया कि कई कोचिंग इंस्टीट्यूट्स में फायर सेफ्टी, इमरजेंसी एग्जिट और अन्य सुरक्षा उपायों की कमी है। हालाँकि, दिल्ली सरकार ने इन सभी कोचिंग संस्थानों को सुरक्षा मानकों का पालन करने के लिए निर्देशित किया था, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिलकुल अलग है।
समीक्षण में सामने आया कि कई कोचिंग सेंटर में छात्रों के लिए सुरक्षित इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी है। स्वच्छता और स्वास्थ्य सुविधाएं भी बेहतर करने की आवश्यकता है। कोरोना महामारी के बाद से विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी है, लेकिन सुरक्षा को लेकर अभी भी लापरवाही देखी जा रही है। इसके अतिरिक्त, इंस्टीट्यूट में CCTV कैमरे और अन्य मॉनिटरिंग उपकरण भी सही ढंग से काम नहीं कर रहे हैं।
इसको लेकर स्थानीय स्टूडेंट्स ने बताया कि उन्हें बहुत सी बार सुरक्षा की चिंताओं के बारे में बताया गया है, लेकिन सुधार के कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिल रहे हैं। अभिभावकों का मानना है कि ऐसे माहौल में अपने बच्चों को कोचिंग के लिए भेजना खतरनाक हो सकता है।
कोचिंग इंस्टीट्यूट्स का कहना है कि वे जल्द ही सुरक्षा मानकों को लेकर कुछ कदम उठाएंगे, लेकिन कार्रवाई की गति बहुत धीमी है। शिक्षा मंत्री ने भी इस मामले पर चिंता व्यक्त की है और सख्त निर्देश दिए हैं कि सभी संस्थान निर्धारित सुरक्षा मानकों का पालन करें।
विदेशों में कोचिंग संस्थानों में सुरक्षा की पूरी व्यवस्था होती है, लेकिन यहाँ भारत में ऐसा क्यों नहीं हो पा रहा है, यह एक गंभीर सवाल है।
मुकुंद नगर के कोचिंग हब में सुरक्षा मानकों की ओर ध्यान देना बहुत जरूरी है ताकि छात्र-छात्राएँ बिना किसी भय के अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकें। यह जरूरी है कि प्रशासन और संस्थान मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाएँ, वर्ना आने वाले समय में इस क्षेत्र की प्रतिष्ठा पर आंच आ सकती है।
इस स्थिति को बदलने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे।