महाकुंभ में श्रद्धालुओं का ताता! 50 करोड़ लोगों ने गंगा में किया मंत्रित्व
महाकुंभ 2025 में 50 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। सीएम योगी और अखिलेश ने किया रिएक्ट।
महाकुंभ 2025 ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है, जब अब तक 50 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई है। यह संख्या न केवल योगी आदित्यनाथ की सरकार की उपलब्धि है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का भी प्रतीक है। महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में होता है और यह भारत के सबसे बड़े धार्मिक मेलाों में से एक है।
इस वर्ष महाकुंभ प्रयागराज में आयोजित किया जा रहा है, जहां लाखों श्रद्धालु अपने धार्मिक कर्तव्यों को निभाने के लिए आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार, इस बार की महाकुंभ में एक विशेष बात यह है कि श्रद्धालुओं की संख्या ने पिछले सभी रिकॉर्ड्स को तोड़ दिया है। 50 करोड़ का आंकड़ा मात्र एक संख्या नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की गहराई, आस्था और एकता का प्रकट रूप है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर बयान देते हुए कहा, "यह हमारे लिए गर्व की बात है कि इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाने आए हैं। यह हमारे प्रदेश की धार्मिक भावना और एकता का प्रतीक है। हम सबको मिलकर इस धार्मिक अनुष्ठान का सफलतापूर्वक आयोजन करना है।"
वहीं, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "महाकुंभ का आयोजन एक अद्भुत अनुभव है। यह केवल एक धार्मिक अवसर नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक और सामाजिक समरसता का भी प्रतीक है।"
महाकुंभ में लोगों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने भी कई सुरक्षा और स्वास्थ्य उपाय किए हैं। विशेष रूप से, कोविड-19 के चलते लोगों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। श्रद्धालुओं को मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाने के लिए कहा जा रहा है।
जैसे ही लोगों ने गंगा में स्नान किया, वहां पर भव्य पूजा-अर्चना और मंत्रोच्चारण की आवाजें गूंजने लगीं। गंगा नदी के तट पर भक्तों की भीड़ ने न केवल आस्था का प्रदर्शन किया बल्कि हर किसी की आँखों में श्रद्धा और प्रेम की विशेष झलक दिखाई दी। इस महाकुंभ में आस्था का यह महासागर केवल आध्यात्मिक नहीं, बल्कि एकता और समृद्धि का भी प्रतीक है।
महाकुंभ 2025 का यह अनुभव निश्चित ही आने वाले वर्षों में भी याद रखा जाएगा, क्योंकि इसने न केवल भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाया है, बल्कि एकता और भक्ति के संदेश को भी फैलाया है।