महाकुंभ 2025: बसंत पंचमी पर तीसरा अमृत स्नान, संगम में लगा श्रद्धालुओं का सैलाब
बसंत पंचमी पर महाकुंभ में तीसरा अमृत स्नान, नागा साधुओं की पहली डुबकी और श्रद्धालुओं का बड़ा ताता।
महाकुंभ 2025 की रौनक इस बार बसंत पंचमी पर अपने चरम पर है। संगम के तीर्थ स्थल पर तीसरे अमृत स्नान का आयोजन किया जा रहा है, जहां सबसे पहले नागा साधुओं ने संगम में डुबकी लगाई। यह आयोजन हर साल लाखों भक्तों का ध्यान आकर्षित करता है, और इस बार भी श्रद्धालुओं की संख्या में कोई कमी नहीं दिख रही है।
तीसरे स्नान का वक्त सुबह 6 बजे से शुरू हुआ, और जैसे ही सुबह की पहली किरणें छाई, नागा साधु अपने विशिष्ट परिधान में संगम की तरफ चल पड़े। इनके बाद विभिन्न अखाड़ों के साधुओं ने स्नान किया। इस बार सरकार ने भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष योजना बनाई है ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस अवसर पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया और प्रशासन को निर्देश दिया कि भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए जाएं। उन्होंने आग्रह किया कि भक्तों को किसी प्रकार की कोई समस्या न हो, यही हमारी प्राथमिकता होगी।
महाकुंभ की स्पेशल व्यवस्था के तहत पार्किंग, परिवहन और स्नान के दौरान सभी जगह भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय किए गए हैं। संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए पानी, चिकित्सा सेवाएं और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
इस साल महाकुंभ में श्रद्धालुओं के आने की संख्या में भी कमी नहीं आई है। लाखों श्रद्धालु इस विशेष अवसर का लाभ उठाने के लिए यहां पहुंचे हैं। महाकुंभ के इस स्नान का मुख्य उद्देश्य न सिर्फ धार्मिक बल्कि सामाजिक एकता को भी बढ़ावा देना है। इसे लेकर लोगों में उत्साह भी देखने को मिल रहा है।
हर साल महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी होती है, और इस साल बसंत पंचमी पर तीसरे अमृत स्नान ने इसे और भी खास बना दिया है। भक्तजन संगम में स्नान कर अपने जीवन के सारे पाप धुलने का विश्वास रखते हैं। इस अवसर पर वे अपने परिवार के साथ आकर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
कुल मिलाकर, महाकुंभ 2025 का ये तीसरा अमृत स्नान सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और श्रद्धा का जीता-जागता उदाहरण है। इसे देखते हुए यह उम्मीद की जा सकती है कि महाकुंभ के पवित्र अवसर पर और भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम की पवित्रता को निखारने के लिए अगले स्नान के लिए आएंगे।