क्या शेयर बाजार की गिरावट रुकेगी? जानें ग्लोबल संकेत

क्या शेयर बाजार की गिरावट में आएगा ब्रेक? जानें हालिया ग्लोबल संकेत और मार्केट का मूड।

शेयर बाजार में पिछले 8 दिनों से गिरावट का दौर जारी है, लेकिन क्या इस गिरावट को रोकने के लिए कोई ग्लोबल संकेत मिल रहे हैं? कई जानकार मानते हैं कि एशियाई बाजारों में हालिया सुधार और कुछ इकोनॉमिक डेटा ऐसा संकेत दे रहे हैं कि भारतीय शेयर बाजार में भी जल्द ही उछाल आ सकता है।

इन दिनों, वैश्विक स्तर पर स्टॉक्स में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। एशियाई मार्केट्स में हल्की बढ़त देखी गई है, जिसमें जापान का निक्केई और हांगकांग का हैंग सेंग शामिल हैं। ये संकेत भारतीय बाजार के लिए अच्छे हो सकते हैं। निवेशकों की नजर अब गिफ्ट निफ्टी और अन्य एशियन मार्केट्स पर है।

पिछले कुछ दिनों में, हम देख रहे हैं कि सेंस और निफ्टी में लगातार गिरावट आई है, जो निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन गया है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि स्टॉक मार्केट में यह गिरावट कुछ समय के लिए है और जैसे ही ग्लोबल मार्केट में स्थिरता आएगी, भारतीय मार्केट में भी सुधार होगा।

हाल ही में, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा लाए गए कुछ नेगेटिव फाइंडिंग स्टेटमेंट्स ने भी मार्केट के मनोविज्ञान को प्रभावित किया है। लेकिन, अगर एशियाई बाजारों में तेजी बनी रही तो हमें उम्मीद करनी चाहिए कि सेंस एक्स और निफ्टी में भी सुधार होगा।

निवेशकों को चाहिए कि वे इस वक़्त धैर्य रखें और सही समय का इंतजार करें। क्योंकि मार्केट में गिरावट से खरीदारी के मौके भी मिलते हैं। कई स्टॉक्स वर्तमान में उचित मूल्य पर बिक रहे हैं, जो कि लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिहाज से फायदेमंद हो सकते हैं।

इस समय आर्थिक संकेतकों, जैसे कि महंगाई दर और मुद्रा नीतियों का ध्यान रखना आवश्यक है। यदि इन में सुधार आता है, तो शेयर बाजार में गिरावट में ब्रेक लग सकता है।

2030 तक भारत की इकोनॉमी का आकार लगभग 5 ट्रिलियन डॉलर के करीब पहुँचने की संभावनाएँ हैं। ऐसे में यदि वर्तमान गिरावट को अस्थायी माना जाये तो निवेशकों को धैर्य पूर्वक आगे बढ़ना चाहिए। जरा देर और सही मौके का इंतज़ार करें।

आने वाले दिनों में मार्केट की स्थिति कैसी रहेगी, यह पूरी तरह से ग्लोबल मार्केट्स की हलचल पर निर्भर करेगा। इसलिए, हमारी नजरें एशियन मार्केट्स और उनके मूड पर बनी रहेंगी।

इसलिए, सभी निवेशक और ट्रेडर्स अपने रिसर्च करें और संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए अपने फैसले लें। वित्तीय सलाहकार से भी सलाह लेना बुद्धिमानी है।

साथ ही, यह भी ध्यान रखें कि मार्केट हमेशा ऊपर या नीचे ही नहीं जाता, बल्कि इसमें चक्रीय बदलाव होते रहती हैं।

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