जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ NIA का बड़ा एक्शन, 8 राज्यों में छापेमारी
NIA ने जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ की छापेमारी, मिले पाकिस्तानी नंबर, आतंकवादियों का नेटवर्क पकड़ा।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एक बार फिर से जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। पिछले कुछ दिनों में, NIA ने देश के 8 राज्यों में एक साथ छापेमारियों का आयोजन किया। इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी कनेक्शन्स को खत्म करना और उनके द्वारा संचालित होने वाले संगठित नेटवर्क को बेनकाब करना था।
छापेमारी के दौरान, कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया और उनसे पूछताछ की गई। NIA को इस दौरान कई पाकिस्तानी नंबर भी मिले हैं, जो आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े हो सकते हैं। इन नंबरों की जानकारी से यह संकेत मिलता है कि जैश-ए-मोहम्मद का नेटवर्क अभी भी सक्रिय है और वे भारत में आतंक फैलाने की योजना बना रहे हैं।
इस कार्रवाई में विभिन्न राज्य पुलिस बलों के साथ मिलकर NIA ने कई ठिकानों पर छापे मारे। इनमें से कुछ ठिकाने ऐसे थे जहाँ से पहले भी आतंकी गतिविधियों की सूचना मिली थी। इस छापेमारी में एनआईए को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी मिले हैं, जो आने वाले समय में आतंकवादियों के खिलाफ ठोस सबूत प्रदान कर सकते हैं।
जैश-ए-मोहम्मद, जो पाकिस्तान आधारित एक आतंकवादी संगठन है, भारतीय उपमहाद्वीप में कई आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार रहा है। इसी संगठन ने 2016 में उरी हमले और 2019 के पुलवामा हमले को अंजाम दिया था। इस बार की छापेमारी इन आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है। एनआईए का मानना है कि इस प्रकार की छापेमारी से आतंकवादियों के नेटवर्क को तोड़ने में मदद मिलेगी।
NIA के अधिकारियों का कहना है कि यह प्राथमिकता है कि आतंकवादी संगठन के सारे कनेक्शन्स को जड़ से समाप्त किया जाए। छापेमारी से पहले जितनी भी जानकारी जुटाई गई थी, उसे बहुत ही गंभीरता से लिया गया और इसी के आधार पर यह ऑपरेशन चलाया गया। इस एक्शन से सटीक जानकारी मिली है, जो ये दर्शाती है कि जैश-ए-मोहम्मद का नेटवर्क धीरे-धीरे खत्म हो रहा है।
कुल मिलाकर, NIA की यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ एक ठोस पहल है, जो ये बताती है कि भारत सरकार इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से ले रही है। एनआईए आगे भी ऐसे ही ऑपरेशन्स को जारी रखने का इरादा रखती है, ताकि भारत को आतंकवाद से मुक्त किया जा सके।