दिल्ली में महाशिवरात्रि पर नॉन-वेज खाने को लेकर हंगामा
महाशिवरात्रि पर दिल्ली में नॉन-वेज खाने को लेकर छात्रों का बड़ा विवाद; ABVP पर छात्रा को पीटने का आरोप।
दिल्ली में महाशिवरात्रि के मौके पर एक छात्रा को नॉन-वेज खाने के लिए पीटे जाने का मामला सामने आया है, जिसने पूरे कैंपस में हंगामा मचा दिया। यह घटना उस समय हुई जब कुछ छात्रों ने ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) कार्यकर्ताओं पर इस छात्रा को उसके खाने के लिए हमला करने का आरोप लगाया। इस घटना ने न केवल छात्रों के बीच तनाव बढ़ा दिया, बल्कि विभिन्न विचारधाराओं के समर्थकों के बीच भी बहस छेड़ दी।
स्थानीय विश्वविद्यालय के छात्र, जो नॉन-वेज के प्रेमी हैं, ने घटना के संबंध में कहा कि महाशिवरात्रि एक धार्मिक अवसर है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि किसी को अपने खाने के विकल्पों के लिए परेशानी झेलनी पड़े। दूसरी ओर, ABVP के सदस्यों ने दावा किया कि उस छात्रा ने व्रत तोड़ने की कोशिश की, जिसका वे विरोध कर रहे थे। उनका कहना है कि यह धार्मिक आस्था का मामला है और इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता।
घटना की जानकारी मिलने पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बैठक बुलाई। छात्र समुदाय ने भी इस अनुशासनहीनता के खिलाफ आवाज उठाई है। एक छात्र ने कहा, "इस प्रकार का आचरण पूरी तरह से अस्वीकार्य है। हमारे भोजन के विकल्पों का सम्मान होना चाहिए। कोई भी छात्र अपनी पसंद के अनुसार खाने के लिए स्वतंत्र है।"
दूसरी ओर, ABVP ने अपनी बात रखते हुए कहा कि, "हम किसी भी छात्र को धार्मिक आस्था का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दे सकते। अगर कोई ऐसी स्थिति बनती है, तो हम मजबूरन कार्रवाई करने के लिए बाध्य हैं।" इस विवाद ने सभी छात्रों को नाराज़ किया है। विभिन्न संगठनों ने इस मुद्दे पर पक्ष लिया है, जिससे कैंपस में मौजूदा तनाव और बढ़ गया है।
कई छात्रों का मानना है कि इस तरह के विवाद केवल अपनी धार्मिकता को साबित करने के लिए नहीं बल्कि इसे अलर्ट रखने के लिए किया जाता है। अति-राष्ट्रवाद और धार्मिकता की इस स्थिति ने छात्रों की सोच और उनके खाने के अधिकार को प्रभावित किया है। यह बेहद जरूरी है कि समाज में सहिष्णुता और विविधता को बढ़ावा दिया जाए ताकि सभी छात्र अपने खाद्य विकल्पों के साथ स्वतंत्रता से जी सकें।
यदि इस तरह की घटनाएँ जारी रहीं, तो यह न केवल छात्रों के बीच भेदभाव को बढ़वा देगी बल्कि पूरे समाज में भी विभाजन का कारण बनेगी।