दिल्ली में अंबेडकर-भगत सिंह की तस्वीरों पर सियासत का नया मोड़
AAP ने BJP पर अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें हटाने का आरोप लगाया, CM रेखा गुप्ता ने पलटवार किया। जानें पूरी कहानी।
दिल्ली में अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरों को लेकर सियासत गरमा गई है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय से अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें हटाना चाहती है। इस पर BJP ने कड़ा पलटवार किया है।
दिल्ली की CM रेखा गुप्ता ने AAP के आरोपों को झूठा और बेबुनियाद करार दिया। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा कुछ होता तो उन्हें पहले से ही जानकारी होती। रेखा गुप्ता ने यह भी कहा कि AAP सरकार को सच्चाई और फैसलों से जुड़े मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए, न कि समाज में नफरत फैलाने वाले आरोप लगाने चाहिए।
इस मुद्दे ने दिल्ली में सामाजिक सौहार्द को लेकर बहस छेड़ दी है। अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत रही हैं और इन्हें किसी भी राजनीतिक एजेंडे से जोड़ा जाना कई लोगों को नहीं भा रहा। AAP के नेताओं का कहना है कि यह सिर्फ वोटों की राजनीति है, जबकि BJP इसे सांस्कृतिक और नैतिक मुद्दा मानती है।
जहां AAP के कुछ नेता यह दावा कर रहे हैं कि BJP इन महान नेताओं के चित्रों को हटाकर उनकी विचारधारा को नकारना चाहती है, वहीं BJP का कहना है कि वे अंबेडकर और भगत सिंह के प्रति सम्मान रखते हैं और उनकी तस्वीरें किसी भी तरह से हटाने का कोई इरादा नहीं है।
यह विवाद इस समय अधिक गर्म है क्योंकि अगले साल दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने हैं। दोनों पार्टियां अपने-अपने वोट बैंक को मजबूत करने में लगी हैं। इस विवाद के बीच, अब देखने वाली बात यह होगी कि यह सियासी खेल लोगों के बीच किस तरह की धारणा बनाने में सफल होता है।
राजनीति में तस्वीरों और प्रतीकों का बहुत महत्व होता है, और जब बात अंबेडकर और भगत सिंह की होती है, तो वह समाज के भीतर एक गहरे प्रभाव डालता है। ऐसे में, यह सियासत इस बात की भी ओर इशारा करती है कि राजनीति में सांस्कृतिक बुनियाद कितनी मजबूत है।
आगे चलकर, शायद यह विवाद दिल्ली की राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो। जब तक कि दोनों पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का यह सिलसिला जारी रहेगा, तब तक आम जनता इस खेल को देखती रहेगी।