CM सोरेन का चुनावी समर्थन: AAP या कांग्रेस के बीच का फैसला
दिल्ली चुनाव में CM सोरेन AAP और कांग्रेस के बीच किसका समर्थन करेंगे, जानें इस रिपोर्ट में।
दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं और हर पार्टी अपनी जोरदार तैयारी में जुटी हुई है। इस बीच, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी इस चुनावी संग्राम में अपनी भूमिका को लेकर बयान दिया है। सवाल यह है कि वे दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) या कांग्रेस, किसका समर्थन करेंगे।
जहां एक तरफ AAP ने दिल्ली में अपने कामकाज और विकास कार्यों को लेकर काफी चर्चा बटोरी है, वहीं कांग्रेस भी अपने पुराने गढ़ को वापस पाने के लिए जी-तोड़ कोशिश कर रही है। सोरेन के समर्थन का मतलब चुनाव की दिशा को बदल सकता है क्योंकि उनकी राजनीति में क्षेत्रीय दलों का एसिड टेस्ट अति महत्वपूर्ण होता है।
सोरेन ने हाल ही में कहा, "हमें अपने स्थानीय मुद्दों को हिंदी बेल्ट में पेश करना है। AAP ने दिल्ली में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नया मानक स्थापित किया है, लेकिन कांग्रेस भी ऐतिहासिक पार्टी है और उसके पास एक मजबूत आधार है।" यह स्पष्ट है कि सोरेन के लिए AAP का साथ देने में कुछ सकारात्मक पहलू हो सकते हैं।
फिर भी, परंपरागत पार्टी कांग्रेस के साथ जाने से राजनीतिक स्थिरता के साथ-साथ अधिक समर्थन आने की संभावना भी बढ़ जाती है। सोरेन की राजनीतिक पहचान को समझते हुए, कई सामाजिक राजनीतिक समीक्षक मानते हैं कि उनका समर्थन किसको मिलेगा, यह न केवल वहां के वोटर्स पर, बल्कि पूरे देश की राजनीति की दिशा पर भी सकारात्मक असर डाल सकता है।
CM सोरेन का सहयोग प्राप्त करने के लिए दोनों दल अपने-अपने तर्क पेश कर रहे हैं। AAP अपने पिछले चुनावी कार्यों को पेश कर रही है, जबकि कांग्रेस अपने ऐतिहासिक योगदानों को सामने लाने की कोशिश कर रही है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि सोरेन अपना समर्थन किसको देते हैं, क्योंकि यह उनका फैसला न केवल झारखंड की राजनीति में बल्कि दिल्ली की राजनीति में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है।
इसके साथ ही, सोशल मीडिया पर भी इस चर्चा का बाजार गर्म है। जन जागरूकता बढ़ती जा रही है और चुनाव से पहले जनता की राय जानने को लेकर भी कई सर्वेक्षण चल रहे हैं। अब देखना यह है कि CM सोरेन का समर्थन किस टीम का भाग्य चमकाएगा।
अंततः, दिल्ली का चुनाव इस बार केवल दिल्ली का चुनाव नहीं होगा, बल्कि इसे झारखंड और अन्य राज्यों की राजनीति पर भी गहरा असर डालने वाला चुनाव माना जा सकता है। चुनावी मौसम में हर किसी का ध्यान CM सोरेन के अगले कदम की ओर है।