CAG ने रेलवे की वित्तीय स्थिति पर चिंता जताई, घाटा 2600 करोड़ का अनुमानित

CAG ने रेलवे को GST, ब्याज भुगतान में कमी के कारण 2600 करोड़ का घाटा बताया है। यह भारतीय रेलवे के लिए एक बड़ा चिंतन का विषय है।

हाल ही में कैग (CAG) की एक रिपोर्ट में भारतीय रेलवे के वित्तीय घाटे को लेकर गंभीर चिंताएं प्रकट की गई हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि रेलवे को लगभग 2600 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। इसका मुख्य कारण GST (Goods and Services Tax) रिवेन्यू में कमी और ब्याज भुगतान न करना बताया गया है।

साल 2021-22 में रेलवे की आर्थिक स्थिति पर कैग की यह दूसरी रिपोर्ट है, जिसमें वित्तीय प्रबंधन की खामियों का उल्लेख किया गया है। CAG ने भारतीय रेलवे की रेवेन्यू से लेकर कैश फ्लो तक कई पहलुओं का विश्लेषण किया और यह पाया कि रेलवे अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में पीछे रह गया है।

रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे को प्राप्त होने वाला GST रिवेन्यू अपेक्षा से कम रहा, जिससे वित्तीय संकट और गहरा गया। यदि GST रिवेन्यू सही तरीके से आ रहा होता, तो रेलवे की वित्तीय स्थिति काफी बेहतर हो सकती थी। साथ ही, ब्याज भुगतान न करने की वजह से भी रेलवे को भारी घाटा हुआ है। इस संदर्भ में रेलवे को जेब पर भारी बढ़ता बोझ सहन करना पड़ा है।

इससे पहले, रेलवे ने यात्रा दरों में वृद्धि का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है। ऐसी स्थिति में या तो रेलवे को अपने खर्चों में कटौती करनी होगी या फिर अधिक रेवेन्यू उत्पन्न करने के लिए अन्य उपायों को लागू करना पड़ेगा।

रेलवे के लिए यह एक बड़ी चेतावनी है कि यदि इसे प्रबंधन में सुधार नहीं किया गया, तो स्थिति और भी बिगड़ सकती है। CAG ने इन मुद्दों की गंभीरता को देखते हुए भारतीय रेलवे के बड़े वित्तीय निर्णयों पर फिर से विचार करने का सुझाव दिया है।

अंत में, यह कहा जा सकता है कि रेलवे के वित्तीय घाटे का समाधान जल्दी ही निकालना आवश्यक है, ताकि इसे सही दिशा में आगे बढ़ाया जा सके। खर्चों में कटौती से लेकर रेवेन्यू उत्पन्न करने तक के उपायों को प्राथमिकता देने की जरुरत है।

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