भारत की हवा की गुणवत्ता पर सवाल: बर्नीहाट सबसे प्रदूषित शहर
भारत का कोई शहर WHO के मानकों पर नहीं खरा उतरता, बर्नीहाट को मिला सबसे प्रदूषित शहर का खिताब।
हाल ही में एक रिपोर्ट ने भारत में हवा की गुणवत्ता को लेकर चिंताजनक तस्वीर पेश की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों के अनुसार, भारत के किसी भी शहर की हवा सही नहीं मानी जा रही है। सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की सूची में मेघालय का बर्नीहाट सबसे ऊपर है, जबकि फरीदाबाद और दिल्ली क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, बर्नीहाट की वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का स्तर गंभीर रूप से उच्च है। यह आंकड़े साफ-साफ ये दिखाते हैं कि यहाँ पर वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए किसी प्रकार की ठोस नीति या योजना लागू नहीं की गई है। फरीदाबाद की स्थिति भी अच्छी नहीं है, जहाँ पर AQI मानक WHO द्वारा निर्धारित स्तर से ऊपर है। इसके साथ ही दिल्ली जैसी मेगासिटी जो कि पहले से ही प्रदूषण की समस्याओं का सामना कर रही है, अब तीसरे स्थान पर है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण दिल और फेफड़ों की बीमारियों में इजाफा हो रहा है। बच्चों और बुजुर्गों में तो इसका असर सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है। वायु प्रदूषण न केवल स्वास्थ्य के लिए एक खतरा है बल्कि इससे पर्यावरण का भी बुरा हाल हो रहा है।
कई क्षेत्रों में औद्योगिक गतिविधियों में वृद्धि, वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी और शहरीकरण के कारण ये समस्याएं और बढ़ गई हैं। विशेषकर बर्नीहाट की स्थिति बेहद चिंताजनक है, वहाँ की हवा में धूल, धुआँ और विभिन्न हानिकारक तत्वों की मात्रा खतरनाक स्तर पर पहुँच गई है।
समाज के आम नागरिक भी इस समस्या के प्रति जागरूक होने लगे हैं और वे इसके खिलाफ आवाज उठाने लगे हैं। अब समय आ गया है कि सरकार और स्थानीय प्रशासन को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए। यदि जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो नतीजे भयानक हो सकते हैं।
हालांकि, कुछ NGOs और स्वंयसेवी संगठन इस दिशा में काम कर रहे हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। एक्ताम को एकजुट होने और व्यापक स्तर पर जन जागरूकता फैलाने की जरूरत है। प्रदूषण के इस संकट का सामना करने के लिए सामूहिक प्रयास होना चाहिए, ताकि भविष्य में हम स्वच्छ हवा में सांस ले सकें।