25 साल बाद जिंदा मिली महिला, परिवार ने किया था अंतिम संस्कार
25 साल पहले मृत मानकर परिवार ने किया था अंतिम संस्कार, कर्नाटक की महिला हिमाचल में जिंदा मिली।
हाल ही में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है जिसमें एक महिला, जिसे उसके परिवार ने 25 साल पहले मृत मानकर अंतिम संस्कार किया था, अब हिमाचल प्रदेश में जिंदा मिली है। इस महिला का नाम साकम्मा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, साकम्मा का परिवार 1999 में उनके लापता होने के बाद उन्हें मृत मान चुका था। उन्होंने उनके लिए अंतिम संस्कार किया और अपने जीवन में आगे बढ़ गए।
जब साकम्मा का परिवार उन्हें खोजने लगा था, तब वे कर्नाटक में एक ट्रिप से लौट रही थीं। लेकिन उसके बाद उनकी जिंदगी का एक नया मोड़ आया। कुछ समय पहले, एक स्थानीय व्यक्ति ने उन्हें हिमाचल में देखा और उनकी पहचान की। साकम्मा के चेहरे पर पहले की तरह की चिड़चिड़ी लेकिन खुशहाल मुस्कान थी। उन्हें देख कर ऐसा लगा जैसे समय ने उनका साथ छोड़ दिया हो। यह सुनकर उनके परिवार ने ऐसा होने की किसी उम्मीद नहीं की थी।
साकम्मा की कहानी न केवल एक चमत्कार की तरह है, बल्कि यह भी बताती है कि कभी-कभी जीवन में चीजें वैसी नहीं होती जैसी हम सोचते हैं। साकम्मा ने जब अपने परिवार को उनके जिंदा होने का संदेश भेजा, तो हर कोई इसे विश्वास नहीं कर पाया। उनके परिवार के सदस्यों का कहना है कि वे अपने जीवन में सुखद आश्चर्य की कल्पना भी नहीं कर सकते थे। एक समय था जब उनके घर में शोक की लहर थी, लेकिन अब वहां खुशी का माहौल है।
साकम्मा के लापता होने की परिस्थितियों के बारे में बहुत सी बातें चल रही हैं। क्या वे किसी अपहरण का शिकार बनी थीं या किसी और कारण से वे लापता हुईं? यह सब अब भी रहस्य बना हुआ है। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि साकम्मा के लापता होने के बाद उनके परिवार ने कई बार स्थानीय पुलिस से भी संपर्क किया था, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली।
परिवार के लिए यह एक नई शुरुआत की तरह है। साकम्मा के जिंदा होने की खबर के बाद उनकेनज़दीकी रिश्तेदार से लेकर दोस्त तक सभी उनके स्वागत के लिए हिमाचल आ रहे हैं। इस घटना ने न केवल साकम्मा के परिवार को एक नई खुशी दी है, बल्कि यह लोगों को यह सोचने पर भी मजबूर कर रही है कि जीवन में कभी-कभी अनकही कहानियां भी होती हैं।
साकम्मा का ये अनुभव सभी के लिए एक सबक है कि हमें कभी भी आशा नहीं छोड़नी चाहिए। अपने प्यार और रिश्तों के लिए उम्मीद रखना हमेशा सही होता है। हमें उम्मीद है कि साकम्मा अब एक नए जीवन की शुरुआत करेंगी और उनके परिवार के लिए यह एक नई खुशियों की लहर लेकर आएगा।