यूक्रेन जंग पर UN में नया प्रस्ताव: अमेरिका ने सबको चौंकाया
अमेरिका ने UN में यूक्रेन जंग के खिलाफ प्रस्ताव पर रूसी पक्ष को समर्थन दिया, भारत ने वोटिंग से किनारा कर लिया।
हाल ही में यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव UN में पेश किया गया, जिसमें रूस के खिलाफ नई रणनीतियों पर चर्चा की गई। इस प्रस्ताव में अमेरिका ने अपनी स्थिति को स्पष्ट किया और चौंकाने वाली बातें सामने आईं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस के खिलाफ सख्त कार्रवाई का समर्थन किया, लेकिन उस दौरान चर्चा में एक मोड़ आया जब अमेरिका ने रूस का पक्ष लिया।
यह देखना दिलचस्प था कि भारत ने इस वोटिंग से किनारा कर लिया। भारत की स्थिति हमेशा से संतुलित रही है, जहां उसने कभी भी एक पक्ष के लिए पूरी तरह से समर्थन नहीं दिया। भारत ने इस बार भी अपनी विदेश नीति के तहत तटस्थता बनाए रखी। भारत ने कहा है कि उसे इस जंग में होने वाली मानवीय संकट और शांति के लिए चिंताएँ हैं, लेकिन वह इस तरह के मतभेदों में हस्तक्षेप करने से परहेज करेगा।
इस स्थिति पर कई देश अपनी प्रतिक्रियाएँ दे रहे हैं। कुछ देशों का कहना है कि अमेरिका का रूस का पक्ष लेना एक रणनीतिक गलती हो सकती है, खासकर तब जब दुनिया में एक नई शक्ति संतुलन बन रहा है। अमेरिका को यकीन है कि रूस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करना आवश्यक है, लेकिन ये कदम उसकी अपनी घरेलू राजनीति पर भी असर डाल रहे हैं।
वोटिंग में भाग ना लेने के भारत के फैसले को कई विशेषज्ञ लगातार रेखांकित कर रहे हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि वह दुनिया की बड़ी समस्याओं पर सोच-समझकर कदम उठाएगा। यह न केवल भारत के लिए एक संयमित कदम है, बल्कि इसने उन देशों को भी सिखाया है जो यूक्रेन जंग में अपने-अपने पक्षों को लेकर दुविधा में हैं।
संक्षेप में कहें तो UN में यह प्रस्ताव एक महत्वपूर्ण विकास है, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। आने वाले दिनों में हम देखेंगे कि इस प्रस्ताव का असर रूस-यूक्रेन युद्ध और वैश्विक राजनीति पर क्या पड़ता है।
कुछ विशेषज्ञ कह रहे हैं कि यदि अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश रूस के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं करते हैं, तो एक बार फिर तथ्य यह रहेगा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण मुद्दों पर संतुलन बनाए रखना कितना कठिन है।