NISAR के लॉन्च से भूंकप और सुनामी का होगा पहले से पता
NISAR लॉन्च से जलवायु परिवर्तन और भूंकप-सुनामी की चेतावनी मिलेगी। अब कामचटका जैसे भूकंपों से पहले मिलेगा अलर्ट।
हाल ही में ISRO और NASA द्वारा NISAR (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar) का सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। यह सेटेलाइट पृथ्वी की सतह पर होने वाले बुनियादी परिवर्तनों को मापने और भूकंप एवं सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाओं का पूर्वानुमान करने में मदद करेगी।
NISAR का ये लॉन्च केवल एक तकनीकी उपलब्धि नहीं है, बल्कि इसका मानवता के लिए बहुत बड़ा लाभ है। विश्व में विभिन्न क्षेत्रों में हो रही जलवायु परिवर्तन गतिविधियों और जियोलॉजिकल प्रोसेस जैसे पृथ्वी के अंदर होने वाले हलचल को समझने में ये सेटेलाइट एक बड़ा सहायक सिद्ध होगा। विशेषकर कामचटका जैसे क्षेत्र जहां भूकंप और सुनामी का खतरा बना रहता है, वहां इस तकनीक का उपयोग किसी भी आपदा से पहले चेतावनी देने में किया जाएगा।
NISAR उपकरणों के माध्यम से हम जलवायु परिवर्तन, समुद्री जल स्तर की वृद्धि और इनमें होने वाले बदलावों की निगरानी कर सकेंगे। इसके जरिए किसी भी क्षेत्र में बड़े भूकंप या सुनामी आने से पहले उसकी सूचना मिल पाएगी। इससे प्रभावित क्षेत्र की जनता को समय पर सतर्क किया जा सकेगा और जन-धन की हानि को कम किया जा सकेगा।
NISAR की विशेषता ये है कि ये उच्च गुणवत्ता वाली इमेजेज प्रदान करता है और इससे मापे गए डेटा को वैज्ञानिक अनुसंधान में प्रयोग किया जा सकेगा। इसके जरिए न केवल प्राकृतिक आपदाओं की जांच होगी, बल्कि इससे यह भी समझा जा सकेगा कि मानव गतिविधियों का वातावरण पर क्या प्रभाव पड़ रहा है।
इस सेटेलाइट का प्रक्षेपण उन देशों के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण है जो भूकंपीय गतिविधियों के लिए संवेदनशील माने जाते हैं। भारत और अमेरिका जैसे देश जिनमें भूकंप की संभावना अधिक है, वे इस तकनीक का लाभ उठाकर अपने नागरिकों के सुरक्षा प्रबंधन में सुधार कर सकते हैं।
इस प्रकार NISAR से हमें नई तकनीकें और जानकारी मिलेगी, जो न केवल विज्ञान के क्षेत्र में बल्कि रोजमर्रा के जीवन में भी एक सकारात्मक बदलाव ला सकेगी। यह एक नई प्रणाली है, जो भविष्य में हमारी सफलता और सुरक्षा की दिशा में एक नए द्वार को खोलेगी।