क्या ट्रंप की परमाणु संधि समाप्त करने के पीछे पुतिन की मिसाइल का हाथ है?
ट्रंप ने परमाणु संधि तोड़ने का निर्णय लिया, क्या पुतिन की मिसाइलों ने इस फैसले को प्रभावित किया?
पिछले कुछ महीनों में यूक्रेन पर रूस द्वारा की गई मिसाइलों की बौछार ने वैश्विक राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, रूस ने महज तीन महीनों में यूक्रेन पर 23 बार मिसाइल दागी हैं, जिससे सुरक्षा और आतंकवाद का एक नया दौर शुरू हो गया है। इन घटनाओं ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को परमाणु संधि को समाप्त करने के निर्णय पर मजबूर किया।
इस संधि का शीर्षक है न्यूक्लियर फोर्सेज ट्रीटी (INF), जिसे ट्रंप ने 2019 में समाप्त किया। उनके इस फैसले के पीछे रूस की सैन्य गतिविधियों का महत्वपूर्ण योगदान था। जब उन्होंने देखा कि रूस भव्य मात्रा में नई और अत्याधुनिक मिसाइल तकनीक का विकास कर रहा है, तो उन्होंने समझा कि यह अमेरिका के लिए एक बड़ा खतरा है। ट्रंप के अनुसार, अमेरिका के पास भी अपनी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता थी।
रूस द्वारा विकसित किया गया एक्सेर्साइज और फौजी कूटनीति ने वैश्विक स्तर पर तनाव बढ़ाने का काम किया। रूस की ये मिसाइलें बड़े पैमाने पर उन्नत हैं और इसने ट्रंप को यह सोचने पर मजबूर किया कि अगर अमेरिका ने अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे नहीं बढ़ाया, तो वह दुनिया में एक कमजोर राष्ट्र बन जाएगा।
विशेषज्ञ मानते हैं कि ट्रंप का यह निर्णय न केवल अमेरिका के लिए बल्कि वैश्विक सुरक्षा के संदर्भ में भी बेहद महत्वपूर्ण था। यूक्रेन पर रूसी हमलों के मद्देनजर, टकराव की यह स्थिति केवल यूरोपीय महाद्वीप पर नहीं बल्कि पूरी दुनिया पर असर डाल रही है। अगर ऐसा ही चलता रहा, तो यह वैश्विक युद्ध की स्थिति को जन्म दे सकता है।
आने वाले समय में जब नए राष्ट्रपति अमेरिका में पदभार संभालेंगे, तब इस समस्या का समाधान करना एक बड़े चुनौतियों में से एक होगा। रूस और अमेरिका के बीच तनाव ने न केवल अंतरराष्ट्रीय संबंधों को प्रभावित किया है, बल्कि यह दुनिया की आर्थिक स्थिरता को भी खतरे में डाल सकता है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अमेरिका अपनी परमाणु नीतियों में किसी तरह का बदलाव करेगा, खासकर ट्रंप के निर्णयों के संदर्भ में।
अंततः, रूस की मिसाइलों के चलते अमेरिका का परमाणु संधि खत्म करने का निर्णय एक बड़ी राजनीतिक घटना है, जो कि भविष्य में सुरक्षा और स्वतंत्रता के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करने की क्षमता रखती है।