कई देशों ने रद्द की F-35 डील, ट्रंप के टैरिफ का असर
ट्रंप के टैरिफ नीतियों ने 6 देशों को F-35 जेट डील रद्द करने पर मजबूर किया, जानें क्या है इसकी वजह।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों का असर अब देखने को मिल रहा है। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान अनेक देशों पर टैरिफ लगाने का निर्णय लिया था, जिसका प्रतिकूल परिणाम अब सामने आ रहा है। F-35 फाइटर जेट डील को लेकर 6 देशों ने इसे रद्द करने का निर्णय लिया है। ये देश अपने सुरक्षा संबंधों को फिर से परिभाषित करने की कोशिशों में लगे हुए हैं।
इन देशों में से कुछ ने तो पहले ही अमेरिका के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की थी। अब ट्रंप के टैरिफ ने नई चुनौतियों को जन्म दिया है। F-35 जेट डील अत्यधिक महंगी है और इन देशों के लिए इसे खरीदना अब और भी कठिन हो गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक आर्थिक संकट का संकेत है जो कि रक्षा क्षेत्र में और भी समस्याएं पैदा कर सकता है। जब इन देशों का ध्यान अपने आर्थिक विकास की ओर है, तो वे इतने महंगे फाइटर जेट खरीदने में असमर्थ हो सकते हैं।
भारत के समीपवर्ती कई देश, जिनमें कुछ यूरोपीय और एशियाई देश शामिल हैं, ने अब अपने रक्षा बजट को फिर से परिभाषित करने का फैसला किया है। वे अब आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने का विचार कर रहे हैं और अमेरिका पर निर्भरता कम करने की कोशिश कर रहे हैं।
हालांकि कुछ स्थानीय उत्पादकों के लिए ये स्थिति एक अवसर भी ला सकती है। देश अपने अंदरूनी सुरक्षा समाधान और तकनीकी विकास पर ध्यान देना चाहते हैं। ऐसे में, हम उम्मीद कर सकते हैं कि आने वाले समय में हमें नए और स्थानीय उत्पादों की एक लंबी सूची देखने को मिल सकती है।
अब देखना यह होगा कि अमेरिका क्या कदम उठाता है, क्योंकि अगर उसने अपने टैरिफ को वापस नहीं लिया, तो और भी देश F-35 जैसे महंगे प्रोजेक्ट्स से दूरी बना सकते हैं। इन हालात में अमेरिका को अपनी विदेश नीति में बदलाव लाना पड़ेगा, ताकि वह इन देशों को पुनः अपने हिस्से में शामिल कर सके।
इस स्थिति ने सुरक्षा और रक्षा संबंधों को नया मोड़ दिया है, और इसमें भविष्य में नए समझौतों की उम्मीदें हैं। ये घटनाक्रम ये दिखाते हैं कि वैश्विक राजनीति में आर्थिक निर्णयों की कितनी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।