दिल्ली मेट्रो में महिला अफसर ने बचाई हार्ट अटैक का शिकार व्यक्ति की जान
दिल्ली मेट्रो में एक महिला अफसर ने CPR देकर हार्ट अटैक का शिकार व्यक्ति की जान बचाई। जानिए पूरी कहानी।
दिल्ली मेट्रो के एक कोच में एक व्यक्ति के अचानक बेहोश होने का मामला सामने आया है। इस घटना ने सभी को चौंका दिया, लेकिन एक महिला अफसर की तत्परता ने इस स्थिति को संभाल लिया। जब मेट्रो में अचानक एक शख्स के हार्ट अटैक का शिकार होने की खबर फैली, तो वहां मौजूद यात्रियों की चिंता बढ़ गई। लेकिन महिला अफसर ने बिना समय गंवाए, स्थिति को संभालने का काम किया।
महिला अफसर, जो CRPF में सब-इंस्पेक्टर हैं, ने तुरंत CPR तकनीक का इस्तेमाल किया। उन्होंने बताया कि यह उनके ट्रेनिंग का हिस्सा है और जब भी ऐसी स्थिति पैदा होती है, तो उन्हें तत्काल प्रतिक्रिया करनी चाहिए। CPR यानि कार्डियोपल्मोनरी रिसस्सिटेशन जीवनरक्षक तकनीक है, जिसे दिल की धड़कन बंद होने पर व्यक्ति को वापस लाने के लिए किया जाता है। ऐसी स्थितियों में सही समय पर CPR देने से जीवन बचाया जा सकता है।
महिला अफसर ने सबसे पहले व्यक्ति की स्थिति का आकलन किया और देखा कि वे पूरी तरह से बेहोश हैं। उन्होंने तुरंत ट्यूब तक पहुंचकर उन्हें CPR देना शुरू किया। मेट्रो के अन्य यात्रियों ने भी स्थिति को देखा और मदद करने के लिए आगे बढ़े। कुछ यात्रियों ने 108 पर एंबुलेंस के लिए कॉल किया, जबकि अन्य लोगों ने आवश्यक उपकरणों को एकत्र किया।
महिला अफसर की कोशिशों के कारण, थोड़ी ही देर में उस व्यक्ति की चेतना वापस लौट आई। उनकी यह मेहनत और साहस ने न केवल उस शख्स की जान बचाई, बल्कि उन सभी यात्रियों को भी एक सीख दी कि किस प्रकार की आपात स्थितियों में लोगों को सहायता करनी चाहिए।
इस घटना ने यह भी साबित कर दिया कि यदि समाज में लोग एक-दूसरे की सहायता करने को तत्पर रहें तो हम कठिन से कठिन हालात में भी एक-दूसरे के जीवन को बचा सकते हैं। दिल में हिम्मत रखने वाली इस महिला अफसर को सभी ने सराहा। उनकी तत्परता और साहस ने साबित कर दिया कि एक सही इंसान की मदद से कोई भी जान बचाई जा सकती है।
दिल्ली मेट्रो में हुई इस घटना ने सबको यह याद दिलाया कि किसी भी समय, कोई भी व्यक्ति जरूरतमंद हो सकता है और हमें हमेशा तैयार रहना चाहिए। किसी भी तरह की आपात स्थिति में, त्वरित निर्णय और साहसिक कदम उठाने से एक इंसान की जान बचाई जा सकती है।
दिल्ली मेट्रो में महिला अफसर के साथ उस दिन जो कुछ भी हुआ, वह सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है। आज हम सभी को चाहिए कि हम भी इस तरह की तकनीकों की जानकारी रखें ताकि जब भी आवश्यकता हो, हम मदद कर सकें।