देसी घी: भारतीय अर्थव्यवस्था का नया ध्वजवाहक
देसी घी की बढ़ती डिमांड ने भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा दी है। जानिए कैसे।
भारत में देसी घी का उपयोग सदियों से होता आ रहा है। अब यह केवल किचन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा ही नहीं, बल्कि अर्थव्यवस्था का भी नया बूस्टर बन चुका है। हाल ही में, देसी घी की बढ़ती डिमांड ने किसानों से लेकर उद्योगपतियों तक को लाभ पहुँचाना शुरू कर दिया है। GST में कटौती के बाद, देसी घी की खपत तेजी से बढ़ी है, जो भारतीय GDP को नई ऊँचाईयों तक पहुँचाने में मदद कर रही है।
दुनियाभर में देसी घी की शोहरत बढ़ रही है। विदेशों में भी इसकी मांग में भारी वृद्धि देखी जा रही है। खासकर, NRI समुदाय में यह काफी लोकप्रिय हो रहा है। ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और UK जैसे देशों में देसी घी के प्रोडक्ट्स की बिक्री में महत्वपूर्ण इजाफा हुआ है। भारतीय कंपनियाँ अब बाहर के बाजारों में भी अपने उत्पादों को बढ़ावा देने में जुट गई हैं।
आकड़ों के अनुसार, पिछले एक वर्ष में, देसी घी की मांग में 30% तक की वृद्धि हुई है। इससे न सिर्फ किसानों का मुनाफा बढ़ा है, बल्कि छोटे और मझौले उत्पादकों को भी फायदे में रखा है। लोग अब स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक हो गए हैं और देसी घी के फायदे के बारे में जानकर इसे चुन रहे हैं। इसके अलावा, देसी घी को लेकर कई स्वास्थ्य संबंधी रिसर्च भी सामने आई हैं, जो इसके फायदों को साबित करती हैं।
देसी घी के उत्पादन में किसान संसाधनों का सही उपयोग कर रहे हैं। इसके उत्पादन से न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है, बल्कि अब यह Sustainable Development Goals की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। अब जबकि सरकार भी इस सेक्टर को प्रमोट करने के लिए कई योजनाएं लाने की सोच रही है, यह संभावनाएं और भी बढ़ती जा रही हैं।
हाल ही में उद्योग विशेषज्ञों ने बताया कि देसी घी का उपयोग खाद्य उद्योग के अलावा क्रीमरी, कॉस्मेटिक और फार्मास्यूटिकल्स में भी हो सकता है। यह बात इसे एक बहुआयामी प्रोडक्ट बनाती है। इसके साथ ही, देसी घी के बाज़ार में प्रतिस्पर्धा बढ़ने से ग्राहकों को गुणवत्ता और मूल्य भी बेहतर मिलने की संभावना है।
इस तरह, देसी घी केवल एक खाद्य सामग्री ही नहीं है, बल्कि यह अब भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। हम सभी को इसे अपने जीवन में शामिल रखना चाहिए, ताकि न सिर्फ अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकें, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत कर सकें।