बदमाशों का खौफनाक हमला: मां-बेटी ने बचाने की कोशिश की, फिर भी युवक को पीटा
गूंजती रहीं चीखें, दबंगों ने मां-बेटी के सामने बेटे को बुरी तरह पीटा। ये घटना सुरक्षा पर सवाल खड़ा करती है।
हाल ही में उत्तर प्रदेश से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक युवक को उसके ही घर के बाहर सात दबंगों ने बेरहमी से पीट-पीट कर बुरी तरह जख्मी कर दिया। यह वारदात एक खुले सड़क पर हुई, जहाँ मां और बहन ने अपने बेटे और भाई को बचाने की कोशिश की, लेकिन उनके चीखने-चिल्लाने का किसी पर कोई असर नहीं हुआ। यह घटना न केवल परिवार के लिए बल्कि समाज के लिए भी एक गंभीर चिंता का विषय है।
घटना में दिखाया गया कि कैसे दबंगों ने पूरी बेखौफी से युवक पर हमला किया। इस दौरान मां और बहन की चीखें आस-पास के लोगों के लिए मकसद बनने के बजाय एक तमाशा बन गईं। खौफनाक तरीके से पीटते हुए बदमाशों ने किसी भी प्रकार की सहानुभूति को नजरअंदाज कर दिया। यह नजारा एक ऐसी तस्वीर पेश करता है, जिसे देखकर किसी में भी दहशत भर जाएगी। पीड़ित युवक की कुटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर ताबड़तोड़ वायरल हुआ है, जिसमें दबंगों की हरकतें बर्दाश्त करने लायक नहीं हैं।
लोगों का कहना है कि ऐसी वारदातें हमारे समाज में कानून की कमी और सुरक्षा के प्रति लापरवाही को दर्शाती हैं। जब एक मां, जो अपने बेटे की जान बचाने के लिए खुद की जान की परवाह नहीं करती, उन पर इतना अत्याचार होता है, तो यह सवाल उठता है कि समाज में मिलकर इसे रोकने के लिए हम क्या कर रहे हैं।
हालांकि, जब यह वीडियो वायरल हुआ, तो पुलिस ने तुरंत एक्शन लेने की बात कही है। लेकिन सवाल यही है कि क्या केवल आरोपियों को गिरफ्तार करने से बात खत्म हो जाएगी? क्या समाज को जागरूक करने की जरुरत नहीं है? क्या हमें अपनी-अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मज़बूत नहीं करना चाहिए? यह घटना उन लाखों लड़कियों और महिलाओं के लिए भी एक गंभीर चेतावनी है, जो रात-बिरात अकेले बाहर निकलने में डरती हैं।
हमारे समाज को इस घटना से सीख लेनी चाहिए और मिलकर दुष्कर्म और हिंसा की रोकथाम के लिए कदम उठाने चाहिए। क्या हम अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं देंगे? अगर हम अब भी नहीं जागेंगे, तो शायद अगले पीड़ित को बचाने का मौका भी हमें फिर कभी नहीं मिलेगा।