अजहरुद्दीन: क्रिकेट के बाद सत्ता की पिच पर नई पारी
पूर्व भारतीय कप्तान अजहरुद्दीन ने राजनीति में कदम रखा, तेलंगाना में मंत्री बनाए गए। जानिए उनकी यात्रा के बारे में।
भारत में क्रिकेट के मैदान पर शानदार प्रदर्शन करने वाले पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन अब राजनीति में भी अपनी छाप छोड़ने की तैयारी कर चुके हैं। हाल ही में उन्हें तेलंगाना में मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। यह उनका राजनीतिक सफर और भी रोचक बनाता है।
अजहरुद्दीन, जो अपनी बल्लेबाजी और कप्तानी के लिए जाने जाते हैं, अब एक नई चुनौती को स्वीकार कर रहे हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1984 में की थी और उनके नाम पर कई रिकॉर्ड्स हैं। लेकिन अब वे सत्ता की पिच पर अपनी नई पारी शुरू कर चुके हैं।
तेलगाना के मुख्यमंत्री केसीआर के नेतृत्व में बनी सरकार में उन्हें एक महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। इस मंत्रिमंडल की सबसे बड़ी चर्चा अजहरुद्दीन के मंत्री बनने के कारण हो रही है। उनके राजनीतिक आइकन के तौर पर लाए जाने की उम्मीद है कि इससे उन्हें युवा वोटरों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
राजनीति में उनका सपना क्या है? अजहरुद्दीन ने कहा है कि वे अपने अनुभव का उपयोग करके प्रदेश के विकास में योगदान देंगे। उनका ध्यान खासतौर पर खेलों पर रहेगा। वे चाहते हैं कि युवा पीढ़ी क्रिकेट के साथ-साथ अन्य खेलों में भी आगे बढ़े।
अजहरुद्दीन का राजनीतिक सफर आसान नहीं होगा। उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन फैंस को पूरा विश्वास है कि वे अपने खेल के जज्बे की तरह यहां भी सफल रहेंगे। उनके क्रिकेट करियर में ठोकरों का भी सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी।
अब जब वे मंत्री बने हैं, तो उनके फैंस मुंह बाये उन्हें देख रहे हैं। वे उम्मीद कर रहे हैं कि अजहरुद्दीन अपने क्रिकेट और आलोचकों की तरह ही इस नई पिच पर भी अकेले नहीं, बल्कि टीम के साथ खेलेंगे।
कुल मिलाकर कहें तो अजहरुद्दीन का मंत्री बनना न केवल उनके लिए, बल्कि भारतीय राजनीति और युवा लोकलुभावनता के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। यह देखना दिलचस्प होगा कि वे किस तरह खेल और राजनीति में तालमेल बिठाते हैं।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से लेकर सियासत तक का यह सफर, न केवल अजहरुद्दीन के लिए बल्कि उनके फैंस और देश के युवा लोगों के लिए एक प्रेरणा बन सकता है।