अगस्त में आने वाले प्रमुख व्रत-त्योहार: रक्षाबंधन से जन्माष्टमी तक
अगस्त 2025 में रक्षाबंधन से जन्माष्टमी तक कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार हैं। जानें उनके बारे में विस्तार से।
अगस्त का महीना भारतीय संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दौरान कई प्रमुख व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं। यह महीने की शुरुआत रक्षाबंधन से होती है, जो भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक है। इसके बाद जन्माष्टमी, जो भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है, का भी विशेष महत्व है।
रक्षाबंधन (22 अगस्त 2025):
इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और भाई अपनी बहनों को उपहार देने का वादा करते हैं। यह त्योहार भाई-बहन के बीच के अटूट प्रेम को दर्शाता है। भाई इस दिन अपनी बहन की सुरक्षा और खुशियों का ध्यान रखने की शपथ लेते हैं।
कजरी तीज (28 अगस्त 2025):
कजरी तीज का पर्व विशेषकर महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। इस दिन, महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए उपवास रखती हैं। यह त्योहार सावन मास में आता है, जब महिलाएं केसरिया रंग के पहनावे में सजती हैं और नाच-गाना करती हैं।
पुत्रदा एकादशी (30 अगस्त 2025):
पुत्रदा एकादशी का जश्न उन लोगों के लिए खास होता है, जो संतान सुख की कामना रखते हैं। इस दिन उपवास रखने से भगवान विश्णु की कृपा से संतान सुख मिलने की विश्वास है।
इसी तरह के अन्य त्यौहार भी इस महीने में आते हैं, जैसे कि हरितालिका तीज, जो महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है।
जन्माष्टमी (31 अगस्त 2025):
जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। देशभर में इस दिन लोग रातभर जागकर भजन-कीर्तन करते हैं और भगवान के लिए विशेष भोग तैयार करते हैं। खासकर उत्तर भारत में इस दिन धूमधाम से festivities मनाई जाती हैं।
इस दौरान, कई लोग अपने घरों में 'जग्गा' (कृष्ण कन्हैया) की मूरत सजाते हैं और 'जन्माष्टमी' के दिन मधुर भोग अर्पित करते हैं। इस दिन लोग रात भर उनके जन्म का इंतजार करते हैं।
अगस्त में कई व्रत और त्योहार होने के कारण यह महीने का नाम हो जाता है 'त्योहारों का महीना'। इसलिए, इस महीने के सभी व्रतों और त्योहारों का पालन करने की परंपरा को आगे बढ़ाते रहना चाहिए। इन सभी पर्वों को मनाने से ही परिवार और समाज में आपसी प्रेम, समर्पण और सद्भावना बढ़ती है।