25 सालों में भारत और पाकिस्तान की आर्थिक परिस्थितियों में बदलाव

25 सालों में भारत की GDP में हुई बंपर बढ़ोतरी और पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति में आई गिरावट। अनादोलु रिपोर्ट के आंकड़ों का विश्लेषण।

भारत और पाकिस्तान की आर्थिक विकास की कहानी को समझना बेहद दिलचस्प है। पिछले 25 सालों में, भारत ने एक मजबूत आर्थिक उन्नति की है, जबकि पाकिस्तान के हालात विकसित होते जाते रहे हैं पर आखिरी कुछ सालों में उनकी अर्थव्यवस्था में गिरावट आई है। 1998 में जहां भारत की GDP लगभग 420 बिलियन डॉलर थी, वहीं आज 2023 में यह 3.74 ट्रिलियन डॉलर के आसपास पहुंच गई है। दूसरी तरफ, पाकिस्तान की GDP केवल 348 बिलियन डॉलर से बढ़कर आज के समय में 376 बिलियन डॉलर के करीब पहुंची है।

यह सच है कि दोनों देशों ने अलग-अलग रास्ते अपनाए और परिणाम भी स्पष्ट हैं। भारत ने आर्थिक सुधारों की दिशा में कई प्रमुख कदम उठाए हैं, जैसे कि 1991 में आर्थिक सुधार और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा को अपनाने का निर्णय। इसके बाद से भारत ने न केवल अपने उद्योगों में सुधार किया, बल्कि सॉफ्टवेयर और आईटी सेक्टर में भी अपनी जगह बनाई। इस दौर में, स्टार्टअप इकोसिस्टम भी तेजी से विकसित हुआ है जिससे लाखों लोगों को रोजगार मिला है।

हालांकि, पाकिस्तान में कुछ आशाजनक पहल होती रहीं, लेकिन वहाँ की राजनीति और स्थिरता के मुद्दों ने उसकी आर्थिक वृद्धि को प्रभावित किया। विशेषकर पिछले कुछ वर्षों में, जब पाकिस्तान को विदेशी मदद पर निर्भर रहना पड़ा और महंगाई और बेरोजगारी ने नई चुनौतियों को जन्म दिया।

भारत के तेज़ी से बढ़ते आर्थिक विकास के साथ ही उसकी वैश्विक शक्ति के रूप में उभरने की क्षमता भी बढ़ी है। वहीं पाकिस्तान की बढ़ती जनसंख्या और भीषण गरीबी ने वहाँ के लोगों के लिए जीवन को कठिन बना दिया है।

इस तरह से, पिछले 25 वर्षों में भारत और पाकिस्तान का आर्थिक सफर स्पष्ट रूप से अलग तरीके से आगे बढ़ा है। आज की स्थिति में भारत एक शक्तिशाली अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है, जबकि पाकिस्तान को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। यह निश्चित रूप से हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि एक सफल आर्थिक अवकाश को प्रदान करने में सही नीतियों और एक स्थिर राजनीतिक व्यवस्था की कितनी अहमियत होती है।

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