UP में 69000 शिक्षक भर्ती के लिए 7 साल से चल रहा है संघर्ष, शिक्षा मंत्री के निवास पर प्रदर्शन जारी
उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती को लेकर अभ्यर्थी पिछले 7 सालों से लगातार संघर्ष कर रहे हैं। इस भर्ती प्रक्रिया में देरी के कारण लाखों युवा बेरोजगारी की समस्या का सामना कर रहे हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्होंने कई बार सरकार से उम्मीदें लगाईं, लेकिन सरकार ने उनकी मांगों पर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया।
हाल ही में इस मुद्दे को लेकर शिक्षा मंत्री की निवास के बाहर एक बड़ा प्रदर्शन हुआ। अभ्यर्थियों ने नारेबाजी करते हुए अपनी बात रखी और सरकार से जल्द भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि अगर उनकी मांगों पर जल्द कोई कार्रवाई नहीं होती है तो वे और भी बड़े आंदोलन की योजना बनाएंगे।
इस मुद्दे पर कई युवा अभ्यर्थियों ने बताया कि किस तरह से 2016 में इस भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत हुई थी और तब से अब तक अनेक परेशानियां उन्हें झेलनी पड़ी हैं। उन्होंने कहा कि हर बार नई उम्मीदे लेकर आते हैं, लेकिन नतीजे वही होते हैं। सरकार की तरफ से कई बार assurances दिए गए, लेकिन ये सिर्फ हवा-हवाई साबित हुए।
शिक्षा मंत्री के निवास के बाहर हुए इस प्रदर्शन में युवा अभ्यर्थियों ने अपने साथ तख्तियों पर अपनी मांगें लिखी थीं। विरोध प्रदर्शन में शामिल कई युवाओं का कहना था कि उन्हें सम्मानजनक नौकरी के लिए अपनी योग्यता का जी जान से प्रयास करना पड़ा, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही से उनकी मेहनत बेकार जा रही है।
इस पूरे मामले में अब देखना यह होगा कि क्या सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से कार्रवाई करती है या अभ्यर्थियों को इसी तरह निराशा का सामना करना पड़ेगा। जून 2023 में एक बार फिर से सभी अभ्यर्थियों को एकत्रित होने का आह्वान किया गया है। उम्मीद की जा रही है कि अगर स्थिति में सुधार नहीं होता है, तो मामला और बिगड़ सकता है।
अभ्यर्थियों का एक समानता की मांग का यह प्रदर्शन न केवल उजागर करता है कि युवा वर्ग कितना संघर्ष कर रहा है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सरकारी नीतियों में सुधार की कितनी आवश्यकता है। ऐसे में अगर सरकार सच में कार्यवाही करना चाहती है, तो उसे इस भर्ती प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करना होगा ताकि मेहनती युवा अपनी योग्यताओं का सही इस्तेमाल कर सकें।