Syria की GDP में भारी गिरावट: गृहयुद्ध का आर्थिक प्रभाव

सीरिया की अर्थव्यवस्था पिछले 13 सालों में गृहयुद्ध के चलते बुरी तरह प्रभावित हुई है। देश की GDP में रिकॉर्ड गिरावट आई है, जो सीधे तौर पर वहां के निवासियों की जिंदगी पर असर डाल रही है। युद्ध की वजह से हुए नुकसान का ठिकाना लगाना बेहद मुश्किल है। 2010 में सीरिया की GDP लगभग 60 अरब डॉलर थी, जो अब घटकर महज 19 अरब डॉलर के आसपास रह गई है। इस दौरान महंगाई भी आसमान छू रही है, जिससे आम लोगों का जीना मुश्किल हो गया है।

गृहयुद्ध में सब कुछ नष्ट हो गया है - इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा प्रणाली और सबसे महत्वपूर्ण, लोगों की जिंदगी। युद्ध के कारण कई कंपनियां बंद हो गई हैं और बेरोजगारी दर में भी बेतहाशा इज़ाफा हुआ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बेरोजगारी दर अब 50% से ऊपर पहुंच चुकी है। आँकड़ों के अनुसार, केवल 2022 में ही सीरिया की GDP में लगभग 10% की गिरावट आई है। यह स्थिति इस बात का प्रमाण है कि युद्ध से होने वाले आर्थिक नुकसान का कोई अंदाजा नहीं लगाया जा सकता।

हमें यह समझना चाहिए कि युद्ध सिर्फ हथियारों की लड़ाई नहीं है, बल्कि यह एक देश की पूरी अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर सकती है। सीरिया में सरकार के उपाय और अंतरराष्ट्रीय सहायता भी इस संकट को हल करने में असमर्थ रहे हैं। बैंकिंग प्रणाली भी ढ collapsed हो चुकी है और डॉलर के मुकाबले स्थानीय मुद्रा की वैल्यू घटी है।

महंगाई के साथ-साथ, खाद्य सुरक्षा भी सूख गई है। रिपोर्ट के अनुसार, बहुत से लोग अब बुनियादी खाद्य सामग्रियों को खरीदने में भी असमर्थ हैं। कोरोना महामारी और आर्थिक संकट ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है।

आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन स्थायी समाधान मिलने में चुनौती बनी हुई है। अगर जल्दी ही कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए तो सीरिया की अर्थव्यवस्था और भी बुरे हालात में जा सकती है। युद्ध अब केवल एक संघर्ष नहीं, बल्कि उससे उत्पन्न मानवता का संकट बन चुका है। सीरिया के लोग अब सिर्फ युद्ध के समाप्त होने की ही नहीं, बल्कि अपनी अर्थव्यवस्था के सुधार की भी दुआ कर रहे हैं।