सीलमपुर विधायक ने AAP छोड़ी, कांग्रेस में की शामिल
दिल्ली विधानसभा के चुनावों को लेकर राजनीतिक सरगर्मियाँ तेज़ हो गई हैं। हाल ही में सीलमपुर के विधायक अब्दुल रहमान ने आम आदमी पार्टी (AAP) से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की है। इस घटनाक्रम ने दिल्ली की राजनीतिक पॉलिटिक्स में एक नया मोड़ ला दिया है और AAP के लिए यह एक बड़ा झटका साबित हुआ है।
अबदुल रहमान ने AAP के प्रति अपनी निराशा जताते हुए कहा कि पार्टी में जो फैसले लिए जा रहे हैं, वे जनता के हित में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अब वह कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं और वहां से अपनी विधानसभा सीट के लिए चुनाव लड़ेंगे। अब्दुल रहमान का यह कदम AAP के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन सकता है, खासतौर पर जब चुनाव करीब हैं। AAP ने हाल ही में सभी राज्य के संभावित उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की थी, लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि पार्टी में अंदरूनी संघर्ष चल रहा है।
इस कदम के पीछे कई राजनीतिक कारण बताए जा रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में AAP के अंदर में फूट नजर आ रही थी। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता भी असंतुष्ट दिखे थे। इस बार के चुनावों में दिल्ली की राजनीति में कई मुद्दे अहम होंगे, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य और भ्रष्टाचार शामिल हैं। ऐसे में कांग्रेस को अब्दुल रहमान की पार्टी में लौटने से एक मौका मिला है, जिसके द्वारा वह चुनावी मैदान में मजबूती से उतर सकते हैं।
कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने इस कदम को एक सकारात्मक परिवर्तन के रूप में देखा है। उनका मानना है कि अब्दुल रहमान जैसे नेता का जुड़ना पार्टी के लिए फायदेमंद साबित होगा। उनकी पहचान और स्थानीय स्तर पर उनकी छवि कांग्रेस को वोट बैंक बनाने में मदद कर सकती है।
दिल्ली चुनाव से पहले अब्दुल रहमान का कदम कांग्रेस के लिए तो फायदेमंद है, लेकिन क्या यह AAP की स्थिति को कमजोर करेगा? यह सवाल अब सबके मन में है। कांग्रेस इस मौके को भुनाने की पूरी कोशिश करेगी।
आने वाले समय में यह देखने वाली बात होगी कि कांग्रेस अब्दुल रहमान की मदद से कितनी सफलता हासिल कर पाती है और AAP अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए क्या रणनीति बनाती है। चुनावी माहौल में तेजी से हो रहे इन बदलावों पर सबकी नजरें टिक गई हैं।