सीबीआई द्वारा जवाब दाखिल, मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में महत्वपूर्ण सुनवाई होने जा रही है। यह सुनवाई उस समय महत्वपूर्ण बन जाती है जब सीबीआई ने पहले ही इस मामले में अपना जवाब दाखिल कर दिया है। सिसोदिया को पिछले साल 2022 में शराब नीति मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें उन पर भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं।
सिसोदिया, जो कि आम आदमी पार्टी (AAP) के एक प्रमुख नेता हैं, ने अपने वकीलों के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी। उनका कहना है कि उन्हें निर्दोष साबित करने के लिए सभी सुबूत पेश किए गए हैं और उन्हें जेल में रहना उचित नहीं है। अपने वकीलों के माध्यम से, सिसोदिया ने तर्क दिया है कि वह राजनीतिक द्वेष का शिकार हो रहे हैं और मामले में कोई ठोस सबूत नहीं है जो उन्हें उचित जेल समय दे सके।
सीबीआई ने मामले में कई दस्तावेज और गवाहों के बयान पेश किए हैं, जो उनके अनुसार सिसोदिया की संलिप्तता को दर्शाते हैं। सीबीआई का कहना है कि सिसोदिया ने शराब नीति में गड़बड़ी की और इसके माध्यम से सरकारी खजाने को नुकसान पहुँचाया। इसे लेकर उन्होंने कई महत्वपूर्ण गवाही भी प्रस्तुत की हैं, जो सिसोदिया के खिलाफ ठोस सबूत का दावा करती हैं।
सुप्रीम कोर्ट में होने वाली आज की सुनवाई में न्यायालय इस बात पर ध्यान देगा कि जमानत दी जाए अथवा नहीं। सिसोदिया ने पहले से ही अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। अब देखना यह होगा कि उच्चतम न्यायालय इस मामले में क्या निर्णय लेता है। कई राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, अगर सिसोदिया को जमानत मिलती है, तो यह आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ी जीत होगी, जबकि अगर जमानत खारिज होती है, तो इससे पार्टी की स्थिति को झटका लग सकता है।
दिल्ली में इस पूरे मामले को लेकर राजनीतिक हलचल बढ़ गई है और सभी की नजरें आज की सुनवाई पर टिकी हुई हैं। यदि आज सुनवाई में सिसोदिया को राहत मिलती है, तो इससे उनकी स्थिति में सुधार हो सकता है, लेकिन जमानत न मिलने पर पार्टी और उनके समर्थकों को निराशा का सामना करना पड़ सकता है।
इस बीच, आम आदमी पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं को इस सुनवाई में एकजुट रहने के लिए प्रेरित किया है ताकि पार्टी की आवाज को और मजबूती मिले।