राजनीतिक दलों की मांग, जम्मू-कश्मीर में तुरंत हो विधानसभा चुनाव

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों की तैयारी जोरों पर है। हाल ही में, निर्वाचन आयोग की टीम ने विभिन्न राजनीतिक दलों से मुलाकात की, जिसमें सभी ने जम्मू-कश्मीर में तत्काल विधानसभा चुनाव की मांग की। सियासी दलों ने कहा कि यह समय है कि लोगों को उनके जन प्रतिनिधियों का चुनाव करने का मौका दिया जाए।

पिछले कुछ वर्षों में, जम्मू-कश्मीर में कई बदलाव हुए हैं, जिसमें विशेष दर्जे का निरसन भी शामिल है। यह स्थिति स्थानीय सरकार की कमी की दिशा में बढ़ रही है, जिससे लोगों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। राजनीतिक दलों का कहना है कि चुनाव नहीं होने के कारण, लोगों के मुद्दे अनसुने रह जाते हैं।

कांग्रेस पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, और पीडीपी जैसे प्रमुख दलों ने चुनाव आयोजित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि चुनाव होने से स्थानीय मुद्दों पर चर्चा की जाएगी और लोगों को उनके अधिकार मिलेगा। इसके अलावा, दलों ने निर्वाचन आयोग से यह भी कहा कि चुनाव प्रक्रिया को तेजी से शुरू किया जाए ताकि लोगों को जल्द से जल्द प्रतिनिधित्व मिल सके।

बातचीत में शामिल नेताओं ने यह भी बताया कि जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक स्थिति पिछले कुछ समय से अनिश्चित रही है। ऐसे में, समय की मांग है कि लोगों को अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करने का मौक़ा दिया जाए। कई नेताओं ने यह भी कहा कि चुनावों से राजनीतिक स्थिरता आएगी जो इस क्षेत्र की विकास प्रक्रिया को गति देगी।

हालांकि, कुछ दलों ने यह भी चिंता व्यक्त की है कि क्या केंद्र सरकार इस मांग को गंभीरता से लेगी, खासकर जब से जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक गतिविधियाँ काफी सीमित हैं। ऐसे में, वे चुनावों के आयोजन के प्रति संदेह भी व्यक्त कर रहे हैं।

आवश्यकता है कि निर्वाचन आयोग इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द चुनाव की प्रक्रिया शुरू करे। पिछले अनुभवों से यह स्पष्ट है कि चुनाव न होने से राजनीतिक और सामाजिक समस्याएं बढ़ती हैं। ऐसे में, जल्दी चुनाव कराना सभी के हित में होगा।

राज़नीतिक दलों की यह मांग Jammu and Kashmir में लोकतंत्र की बहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सभी को उम्मीद है कि निर्वाचन आयोग यह सुनेगा और जनता की आवाज़ को मान्यता देगा।