पटना में पुलिस की कार्रवाई: सोते हुए PK को हिरासत में लिया गया
पटना के गांधी मैदान में सतत चल रहे विरोध प्रदर्शनों ने ताजा मोड़ ले लिया है। सुबह 4 बजे की एक घटना ने सबको चौंका दिया, जब पटना पुलिस ने वहां सो रहे प्रखर राजनीतिक नेता प्राशांत किशोर, जिन्हें आमतौर पर PK के नाम से जाना जाता है, को हिरासत में लिया। जानकारी के अनुसार, PK और उनके समर्थकों ने बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों का नेतृत्व किया था।
इस कार्रवाई के बाद现场 हंगामा होने लगा। समर्थकों ने पुलिस की इस कार्रवाई को अलोकतांत्रिक और सरकार की तानाशाही के रूप में देखा। लोग गांधी मैदान में इकट्ठा हुए और पुलिस द्वारा PK को हिरासत में लेने के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
उम्मीद की जा रही थी कि PK को गिरफ्तार करने से पहले पुलिस उनसे बात करेगी या उन्हें कोई नोटिस देगी, लेकिन सुबह के अंधेरे में उनकी गिरफ्तारी ने लोगों के धैर्य को तोड़ दिया। लंबे समय से BPSC परीक्षा के मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों के बीच पुलिस कार्रवाई ने गुस्से को और बढ़ा दिया।
पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई उचित कारणों के तहत की गई है, क्योंकि प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ती जा रही थी और स्थिति नियंत्रण से बाहर हो रही थी। लेकिन विपक्ष ने इस पर सवाल उठाते हुए इसे असहमति की आवाज को दबाने का प्रयास बताया।
जब PK को हिरासत में लिया गया, तो उनका बयान भी सामने आया जिसमें उन्होंने कहा कि वे छात्रों के मामले में उनके साथ हैं और यह लड़ाई उनके हक की है। उनके समर्थक भी इस बात पर जोर दे रहे हैं कि सरकार को छात्र समुदाय की आवाज सुननी चाहिए।
भले ही पुलिस ने सोते हुए PK को हिरासत में लिया, लेकिन उनका विरोध जारी है। छात्र संगठन और अन्य राजनीतिक दल इस मुद्दे को लेकर एकजुट हो गए हैं। कहीं न कहीं, यह विवाद अब राजनीतिक दंगल बन गया है, जिसमें न केवल पुलिस और प्रदर्शनकारियों की भिड़ंत हो रही है, बल्कि सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर भी बहस चल रही है।
कुल मिलाकर, पटना की यह घटना न केवल PK के लिए बल्कि समस्त छात्रों के आंदोलन के लिए एक महत्वपूर्ण टर्निंग पॉइंट साबित हो सकती है। जो भी हो, अब देखने वाली बात यह होगी कि आगे स्थिति किस दिशा में विकसित होती है।