महाशिवरात्रि 2025: पूजा के मुहूर्त और विधि की जानकारी

महाशिवरात्रि 2025 का पर्व आज मनाया जा रहा है, जो भक्तों के लिए एक विशेष अवसर है। इस दिन भक्तजनों को भगवान शिव की अपार कृपा प्राप्त होती है। शिवरात्रि का यह पर्व हर साल फरवरी के महीने में मनाया जाता है। इस दिन उपवासी रहकर पूजा करने का विशेष महत्व है। अगर आप भी इस महाशिवरात्रि को सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा करना चाहते हैं, तो यहाँ हम बता रहे हैं पूजा के चार पहर के मुहूर्त और विधि।

पूजा के चार पहर और शुद्ध मुहूर्त

2025 में महाशिवरात्रि पर चार पहर में पूजा का एक खास मुहूर्त है:

  1. पहला पहर (6:00 PM - 9:00 PM)
    इस समय शिवलिंग का जलाभिषेक करने का सर्वोत्तम समय है। इस दौरान गंगाजल, दूध और दही अर्पित करें।
  2. दूसरा पहर (9:00 PM - 12:00 AM)
    इस समय रात्रि जागरण करना और महा शिवरात्रि की रात का महत्व समझना आवश्यक है। इस दौरान हर हर महादेव का जप करें।
  3. तीसरा पहर (12:00 AM - 3:00 AM)
    इस समय ओम नमः शिवाय का उच्चारण करें और विशेष रूप से दीप जलाएं।
  4. चौथा पहर (3:00 AM - 6:00 AM)
    इस पहर में भगवान शिव को पंचामृत अर्पित कर उनकी आरती करें।

पूजन विधि और मंत्र

महाशिवरात्रि पर पूजा विधि बहुत सरल है। सबसे पहले भगवान शिव का ध्यान करके, मन में श्रद्धा पूर्वक निम्नलिखित मंत्र का जाप करें:

"ॐ नमः शिवाय"
इस मंत्र का जप करते समय भगवान शिव को ताजे फूल और फल अर्पित करें। जल चढ़ाना भी आवश्यक है, इसके लिए जल में कुछ काले तिल डालें।

इसके बाद, शिवलिंग की पूजा करते समय चंदन, बेलपत्र, धतूरा और सफेद फूल अर्पित करने की विशेष बात याद रखें। पूजा में दीपक जलाने से वातावरण शुद्ध होता है।

महाशिवरात्रि का महत्व

महाशिवरात्रि का पर्व केवल एक धार्मिक अवसर नहीं बल्कि यह हमारे जीवन में सकारात्मकता और आध्यात्मिक जागृति लाने का माध्यम है। इस दिन भक्तजन रात भर जागकर भगवान शिव की भक्ति करते हैं, इससे उन्हें विशेष फल प्राप्त होता है। इस दिन उपवास करने से व्यक्ति का मन शांत होता है और उसे आध्यात्मिक विस्तार मिलता है।

भगवान शिव की कृपा से जीवन में हर प्रकार की बाधाएं समाप्त होती हैं। इस महाशिवरात्रि पर कृपया पूजा विधि का पालन करें और भगवान शिव से अपने मन की सभी इच्छाएं पूर्ण करने की प्रार्थना करें।