महाकुंभ में संगम का पानी अब नहाने के लिए सुरक्षित: CPCB की रिपोर्ट
महाकुंभ 2021 में हरिद्वार में आयोजित हुआ, जहां लाखों श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। लेकिन इसके साथ ही, पूर्ण श्रद्धा के साथ जल में स्नान की इच्छा में लोगों के मन में एक सवाल उठता था कि क्या संगम का पानी वाकई सुरक्षित है? हाल ही में, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने इस विषय पर एक नई रिपोर्ट जारी की है जो कि श्रद्धालुओं के लिए एक सुखद आश्वासन देने वाली है।
CPCB की रिपोर्ट के अनुसार, महाकुंभ के दौरान संगम में पानी की गुणवत्ता नहाने के लिए आदर्श स्थिति में रही। रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी प्रकार के प्रदूषण के मानकों को ध्यान में रखते हुए संगम का पानी पूरी तरह से सुरक्षित है। यह रिपोर्ट उन सभी श्रद्धालुओं के लिए राहत लेकर आई है जिन्होंने इस दौरान संगम में स्नान किया।
रिपोर्ट में बताया गया है कि CPCB ने हरिद्वार में नदियों के पानी के नमूनों का विस्तृत अध्ययन किया था। इसमें पाया गया कि गंगा सरस्वती संगम में पानी की गुणवत्ता मानक स्तर पर है। विशेष रूप से, बायोलॉजिकल ऑक्सिजन डिमांड (BOD) और कोलीफार्म की मात्रा भी उचित स्तर पर पाई गई, जिससे यह साबित होता है कि पानी स्वच्छ और नहाने योग्य है।
महाकुंभ के दौरान हरिद्वार आये श्रद्धालुओं में कई लोगों ने संक्रामक बीमारियों के बढ़ने की आशंका जताई थी, लेकिन CPCB की रिपोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। रिपोर्ट के अनुसार, संगम का पानी न केवल स्वच्छ है बल्कि लोगों की धार्मिक आस्था को भी सुरक्षित रखता है।
इस रिपोर्ट ने न केवल श्रद्धालुओं को एक विश्वसनीय जानकारी दी है, बल्कि इसे जल संरक्षण और प्रदूषण के खिलाफ जागरूकता फैलाने के एक कदम के रूप में भी देखा जा रहा है।
CPCB ने इस रिपोर्ट को लेकर कहा कि यह नियमित रूप से ऐसी अध्ययनों को जारी रखेगा ताकि सभी नदियों की जल गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जा सके। इस रिपोर्ट ने एक बार फिर हमें याद दिलाया है कि जल हमारी सबसे बड़ी संपत्ति है, और इसकी सुरक्षा हम सभी की जिम्मेदारी है।
अंत में, यह कहना गलत नहीं होगा कि CPCB की इस रिपोर्ट ने महाकुंभ श्रद्धालुओं की चिंताओं को कम किया है और उनके लिए एक सकारात्मक संदेश भेजा है। जल की गुणवत्ता में सुधार के लिए जो उपाय किए जा रहे हैं, वो निश्चित रूप से अच्छे परिणाम देंगे।