क्या 12 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री होने पर भी स्लैब सिस्टम जरूरी है?

2023 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ा ऐलान किया कि अगर आपकी सालाना आय 12 लाख तक है, तो आपको इनकम टैक्स नहीं देना पड़ेगा। यह सुनने में बहुत अच्छा लगता है, लेकिन फिर सवाल ये उठता है कि अगर 12 लाख तक की आय टैक्स फ्री है, तो फिर टैक्स स्लैब का क्या मतलब है? इस लेख में हम इस पर चर्चा करेंगे कि स्लैब सिस्टम का कितना महत्व है और इसके फायदे क्या हैं।

स्लैब सिस्टम क्या है?
स्लैब सिस्टम का मतलब है कि आय के विभिन्न स्तरों (slabs) पर टैक्स की अलग-अलग दरें लगाई जाती हैं। जैसे कि 0 से 2.5 लाख तक की आय पर टैक्स नहीं है, 2.5 से 5 लाख पर 5% टैक्स है, और ऐसे ही आगे बढ़ते हुए स्लैब बनते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि जो लोग कम आय वाले हैं, उन पर कम बोझ पड़े।

ये स्लैब सिस्टम क्यों जरूरी है?
अक्सर लोग सोचते हैं कि अगर बेसिक आय को 12 लाख तक टैक्स फ्री कर दिया गया है, तो स्लैब सिस्टम खत्म करना चाहिए। लेकिन असल में, स्लैब सिस्टम के कई फायदे हैं। सबसे पहला फायदा यह है कि यह आय असमानता को कम करने में मदद करता है। जिनकी आय ज्यादा है, उन पर ज्यादा टैक्स लगता है, जबकि कम आय वाले लोगों को राहत मिलती है। इससे समाज में एक संतुलन बना रहता है।

दूसरा फायदा यह कि स्लैब सिस्टम सरकार को स्थिर आय देता है। क्योंकि अगर सभी की आय को एक समान माना जाए, तो इससे सरकार को टैक्स रेवेन्यू में कमी आ सकती है। अगर 12 लाख तक की आय टैक्स फ्री होगी, तो इससे समृद्ध वर्ग को ज्यादा फ फायदा होगा और इससे राज्य के राजस्व में कमी आ सकती है।

इसके अलावा, स्लैब सिस्टम सरलता और स्पष्टता भी प्रदान करता है। इससे टैक्सपेयर्स को समझना आसान होता है कि उन्हें कितनी आय पर क्या टैक्स देना है। यह प्रसंस्करण को सरल बनाता है और लोगों को सही ढंग से योजना बनाने में मदद करता है।

अंत में, यह कहना गलत नहीं होगा कि जब तक हम आय वर्गों में भिन्नता देखते हैं, स्लैब सिस्टम की आवश्यकता बनी रहेगी। यही कारण है कि 12 लाख तक की आय टैक्स फ्री करने के बावजूद स्लैब सिस्टम को जारी रखना महत्वपूर्ण है। यह न केवल वित्तीय स्थिरता प्रदान करता है, बल्कि समाज में सही संतुलन बनाने में भी मदद करता है।