कोलकाता में महज 76 दिन में 7 महीने की बच्ची के दुष्कर्म मामले में फांसी की सजा
कोलकाता में एक दिल दहला देने वाली घटना में, एक 7 महीने की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के दोषी को कोलकाता की पॉक्सो कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। यह फैसला महज 76 दिन के भीतर सुनाया गया, जो कि न्याय प्रणाली की तात्कालिकता को दर्शाता है।
यह मामला तब शुरू हुआ जब 2023 के अंत में, बच्ची को उसकी मां द्वारा नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, बच्ची की हालत गंभीर थी। जब पुलिस ने मामले की जांच शुरू की, तो पता चला कि यह घटना पिछले कुछ समय में हुई थी। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान, अभियोजन पक्ष ने यह साबित करने के लिए ऐलान किया कि आरोपी ने ना केवल बच्ची के साथ बेहद जघन्य अपराध किया, बल्कि उसने मासूमियत को भी चुराया। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई का आदेश दिया।
जज ने इस मामले को सुनते हुए कहा कि समाज में इस तरह के अपराध बर्दाश्त नहीं किए जा सकते। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में सजा का कठोर होना अनिवार्य है, ताकि समाज में एक संदेश जाए कि ऐसे जघन्य अपराधों को सहन नहीं किया जाएगा।
सुनवाई के दौरान यह भी सामने आया कि आरोपी का पहले भी आपराधिक रिकॉर्ड है, जिससे अदालत ने उसकी सजा को और अधिक कठोरता से निर्धारित करने का फैसला लिया। यह मामला न केवल बलात्कार एवं चाइल्ड एब्यूज़ की जघन्यता को उजागर करता है, बल्कि यह समाज में बच्चों के प्रति सुरक्षा की आवश्यकता पर भी जोर देता है।
इस फैसले के बाद, कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसका स्वागत किया है और इसे न्याय की एक मिसाल बताया है। उन्होंने कहा कि इससे बच्चों के खिलाफ अपराधों में कमी आने की उम्मीद है। बच्ची के परिवार ने भी अदालत के इस फैसले को सराहा है और इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।
न्याय की वेग गति को देखते हुए, यह उम्मीद की जा रही है कि अन्य मामलों में भी इसी प्रकार की तेजी से सुनवाई की जाएगी। ऐसे मामले ना सिर्फ बच्चियों की सुरक्षा के लिए, बल्कि समाज के लिए भी एक सख्त संदेश हैं। समय आ गया है कि हम सभी मिलकर ऐसे अपराधों के खिलाफ आवाज उठाएं और एक सुरक्षित भविष्य के लिए काम करें।