कोलकाता में 7 महीने की बच्ची के रेप पर फांसी की सजा, कोर्ट ने की सख्त कार्रवाई

कोलकाता पुलिस ने हाल ही में 7 महीने की एक मासूम बच्ची के साथ हुई दरिंदगी के मामले में तेज़ी से न्याय की प्रक्रिया को पूरा किया है। पास्को (POCSO) कोर्ट ने इस मामले में एक अभियुक्त को फांसी की सजा सुनाई है। यह मामला देश के लिए एक बड़ा संदेश है कि ऐसे जघन्य अपराध बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।

आरोपी की पहचान राशिद के रूप में हुई है, जिसने आरोप लगाया किया कि उसने 2022 में एक रात बच्ची को अकेला पाकर उसे अपनी दरिंदगी का शिकार बनाया। घटना के बाद बच्ची को अस्तित्व में लाने में उसकी मां की मदद से त्वरित कार्रवाई की गई। इस मामले में सबसे खास बात यह है कि कोर्ट ने महज 76 दिन में सजा का ऐलान किया, जिससे यह साबित होता है कि भारतीय अदालतें अब ऐसे मामलों में कितनी गंभीरता से ले रही हैं।

इस मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि देश में महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराधों को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है। अभियोजन पक्ष ने सबूतों को बड़े कुशलता से पेश किया और यह साबित कर दिया कि आरोपी ने बच्ची के साथ बलात्कार किया। इस तरह के अपराधों के प्रति समाज का झुकाव भी बदल रहा है, और लोग अब इस तरह की घटनाओं को सहन नहीं कर पा रहे हैं।

ऐसी घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाना जरूरी है। हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह न केवल ऐसे अपराधों के खिलाफ खड़ा हो, बल्कि उन लोगों का भी सामना करे जो ऐसे कृत्यों को अंजाम देते हैं। आज के समय में, बच्चों की सुरक्षा को लेकर माता-पिता, स्कूल और समाज को मिलकर काम करना होगा।

इसके अलावा, कानून को भी सख्त बनाने की आवश्यकता है ताकि ऐसे अपराधों को करने वाले लोगों को सबक मिले। इस मामले से संकेत मिलता है कि कोर्ट अब ऐसे मामलों में न्याय की प्रक्रिया तेज़ कर रही है। हर किसी को यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे बच्चे सुरक्षित रहें और उन्हें कोई नुकसान न पहुंचे।

आखिरकार, इस फैसले ने न केवल पीड़िता और उसके परिवार को न्याय दिया है, बल्कि समाज को भी यह संदेश दिया है कि अब चुप रहने का समय खत्म हो चुका है। हमें अपनी आवाज उठानी होगी और अपने समाज में ऐसे अपराधों की रोकथाम के लिए सक्रिय रहना होगा।