कोलकाता डॉक्टर हत्या मामले में महिलाओं का गुस्सा, सड़कों पर किया प्रदर्शन
कोलकाता में पिछले कुछ दिनों से एक दुखद घटना ने सभी का ध्यान आकर्षित किया है। आम तौर पर सुकून भरी रात में जब लोग अपने-अपने घरों में आराम कर रहे थे, तब महिलाएं सड़कों पर उतर आईं। यह प्रदर्शन दरअसल हालिया डॉक्टर हत्या मामले के खिलाफ हुआ, जिसमें एक युवा डॉक्टर की निर्मम तरीके से हत्या की गई। इस घटना ने पूरे पश्चिम बंगाल में उथल-पुथल मचा दी है।
महिलाओं का यह गुस्सा सिर्फ एक व्यक्ति की हत्या का नहीं, बल्कि पूरी समाज के तंत्र पर उठा सवाल है। उन्होंने "वी वांट जस्टिस" के नारे के साथ सड़कों पर उतरकर अपनी आवाज़ उठाई। प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने कहा कि वे सुरक्षा की गारंटी चाहती हैं और उनके अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए। इनकी आवाज़ में स्पष्ट रूप से क्रोध था, जिसमें समाज में लगातार बढ़ती हिंसा और असुरक्षा का जिक्र किया गया।
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से मांग की कि वे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं और दोषियों को सजा दिलाने में कोई कमी न छोड़े। महिलाओं ने अपनी एकता का प्रदर्शन करते हुए कहा कि अब वे चुप नहीं बैठेंगी। इस आंदोलन में महिलाओं की भागीदारी एक सशक्त संदेश भेजती है कि जब बात अपने अधिकारों की होती है, तो वे समर्पण के साथ खड़ी होंगी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने हालात के प्रति गहरी चिंता व्यक्त की है और मामले की न्यायिक जांच का आश्वासन दिया है। अन्य राजनीतिक पार्टियों ने भी डॉक्टर की हत्या की निंदा की है और इसे सुरक्षा के मुद्दे पर गंभीरता से लेने की बात की है।
इस घटना ने एक बार फिर से सुरक्षा और न्याय के मुद्दे को उजागर किया है। महिलाओं ने न केवल अपनी पीड़ा को व्यक्त किया, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मजबूत संदेश भी दिया है कि वे अपनी आवाज को दबाने नहीं देंगी। यह आंदोलन केवल कोलकाता तक सीमित नहीं रहा, बल्कि राज्य के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह के प्रदर्शन देखने को मिले।
अब समय आ गया है कि हम एक साथ मिलकर इस बदलाव की दिशा में कदम बढ़ाएं और सुनिश्चित करें कि ऐसे कृत्य हमारे समाज में न हों। महिलाओं का यह आक्रोश एक सशक्तिकरण का प्रतीक है और सभी को इस पर विचार करने की आवश्यकता है।