कनाडा को मिल सकता है पहला हिंदू प्रधानमंत्री: चंद्रा आर्य की दावेदारी

कनाडा की राजनीति में एक नया मोड़ आ सकता है। भारतीय मूल के सांसद चंद्रा आर्य ने खुलकर अपनी दावेदारी पेश की है कि उन्हें अगला प्रधानमंत्री बनने का मौका मिल सकता है। 2025 के चुनावों के करीब आते ही यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या कनाडा को उसका पहला हिंदू प्रधानमंत्री मिलेगा। चंद्रा आर्य ने कहा कि वह अपनी राजनीतिक यात्रा में इस सफर को गंभीरता से ले रहे हैं और हिमशैल की तरह उनके इरादे ठोस हैं।

आर्य, जो कि कनाडा के ओंटारियो प्रांत के सांसद हैं, ने यह भी बताया कि उनका प्रचार अभियान पूरी ताकत से तेज हो चुका है। उन्होंने अपने समर्थकों से अपील की है कि वे इस प्रयास में उनका साथ दें। अगर आर्य को प्रधानमंत्री बनने का मौका मिलता है, तो यह ना केवल एक ऐतिहासिक घटना होगी, बल्कि कनाडाई राजनीति में भारतीय समुदाय का बढ़ता प्रभाव भी दर्शाएगी।

आर्य ने अपने पिछले कार्यकाल में कई मुद्दों को उठाया है, जिनमें आव्रजन, शिक्षा और सामाजिक न्याय शामिल हैं। उनका मानना है कि कनाडा में हिंदू समुदाय की बढ़ती संख्या और उनकी राजनीतिक भागीदारी इस बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उन्होंने अपने समर्थकों से निवेदन किया कि वे चुनावों में सक्रिय रहें और अपने मताधिकार का सही उपयोग करें।

कनाडा में पहले से ही कई भारतीय सांसद हैं, लेकिन आर्य का पीएम बनने की दावेदारी कई नई संभावनाओं का द्वार खोल सकती है। इसके साथ ही, उन्हें इस बात की चुनौती भी है कि वे किस प्रकार से विभिन्न समुदायों को एकजुट कर पाते हैं। खासकर, ऐसे समय में जब कनाडा में विभिन्न जातीय और धार्मिक समुदायों के बीच राजनीतिक आमदनी के मुद्दे बढ़ रहे हैं।

कनाडा के नेता के रूप में उनकी स्थिति को देखते हुए, आर्य ने यह भी कहा कि वे सभी समुदायों का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं और अपनी नीतियों द्वारा सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना चाहते हैं। क्या वह इस दौड़ में सबसे आगे निकल पाएंगे? यह तो समय बताएगा, लेकिन यह निश्चित रूप से कनाडाई राजनीति के लिए एक नया और रोमांचक अध्याय हो सकता है।

आर्य की दावेदारी ने न केवल भारतीयों को उत्साहित किया है, बल्कि यह अन्य समुदायों के लिए भी एक विचारणीय क्षण है। क्या कनाडा वाकई में अपने पहले हिंदू प्रधानमंत्री का साक्षी बनने जा रहा है? यह सवाल अब कनाडाई नागरिकों के दिमाग में गूंज रहा है।