जंगलों में 75 कैंप बनाएगी एसओजी, आतंक पर वार जारी

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर नकेल कसने के लिए एसओजी (स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप) ने एक नई रणनीति तैयार की है। इसके तहत, जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जंगलों में 75 कैंप बनाने की योजना बनाई गई है। यह कैंप खास तौर पर उन क्षेत्रों में स्थापित होंगे जहाँ आतंकवादियों की गतिविधियाँ बढ़ रही हैं। एसओजी का मुख्य लक्ष्य ये कैंप स्थापित करके आतंकवादियों की गतिविधियों पर नजर रखना और उन्हें नियंत्रित करना है।

एसओजी की इस पहल से यह उम्मीद जताई जा रही है कि जंगलों में छिपे आतंकवादियों को पकड़ना आसान हो जाएगा। कई बार बार यह देखा गया है कि आतंकवादी जंगलों में छिपकर अपने मंसूबे अंजाम देते हैं। यह कैंप टारगेटेड ऑपरेशंस के लिए आधार होंगे, जिससे सुरक्षाबल जंगलों के अंदरपर्दे में चल रही गतिविधियों पर नजर रख सकेंगे। नेटवर्किंग और टेक्नोलॉजी का उपयोग इन कैंपों को आधुनिक बनाकर किया जाएगा, ताकि स्थिति को जल्दी समझा जा सके।

एसओजी के प्रवक्ता ने बताया कि रेडियोज़ और दूसरे कम्युनिकेशन टूल्स का इस्तेमाल करके हर कैंप एक-दूसरे से जुड़े रहेंगे। इसके अलावा, सुरंगों की गतिविधियों पर भी ध्यान दिया जाएगा। सुरंगों के माध्यम से आतंकवादी अक्सर अपनी गतिविधियाँ करते हैं, जिससे सुरक्षा बलों के लिए चुनौती बढ़ जाती है।

इस अभियान में न केवल एसओजी का योगदान होगा, बल्कि स्थानीय पुलिस भी सहयोग करेगी। प्रशिक्षण और विशेषज्ञता का आदान-प्रदान यह सुनिश्चित करेगा कि कैंप प्रभावी तरीके से संचालन कर सकें। इसके लिए स्थानीय स्तर पर ग्राम सुरक्षा समितियों के साथ भी तालमेल बनाया जाएगा।

एसओजी के इस नए कैंप प्रोजेक्ट को लेकर उच्चस्तरीय बैठकें चल रही हैं, जिसमें सभी सुरक्षा एजेंसियों के आला अधिकारी शामिल हैं। एसओजी का यह कदम न केवल आतंकवादियों के खिलाफ जंग में एक मजबूत हथियार साबित होगा बल्कि इसे एक मॉडल के रूप में भी देखा जा सकता है। खास करके उन क्षेत्रों के लिए जो आतंकवाद से अधिक प्रभावित हैं।

जम्मू-कश्मीर की यह स्थिति न केवल कश्मीर के युवाओं के लिए अवसर पेश कर रही है, बल्कि यह आतंकवाद के खिलाफ एक एकजुट लड़ाई की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पहल के परिणाम आने वाले समय में दिखाई देंगे, जब जंगलों में स्थापित ये कैंप आतंकवादियों की गतिविधियों को कम करने में सफल होंगे।