ईडी की छापेमारी: IAS संजीव हंस के 13 ठिकानों पर मिले 60 करोड़ के शेयर
हाल ही में, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने IAS अधिकारी संजीव हंस के 13 ठिकानों पर छापेमारी की है। यह छापेमारी एक मल्टी-करेंसी मनी लॉन्ड्रिंग मामले के सिलसिले में की गई जिसमें हंस के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस छापेमारी में 60 करोड़ रुपए के शेयर बरामद किए गए हैं, जो कि इस मामले की गहराई को दर्शाते हैं।
ED की टीम ने ये ऑपरेशन देश के विभिन्न राज्यों में किया, जिसमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश और अन्य स्थान शामिल थे। अधिकारियों के अनुसार, संजीव हंस और उनके कई सहयोगियों ने कथित तौर पर कुछ कंपनियों की असली कीमत से ज्यादा मूल्य के शेयर बेचे और उसके बाद उस राशि को मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए अज्ञात स्रोतों में भेजा।
इन छापेमारी के दौरान ईडी को कई अहम दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी मिले, जो इस मामले में महत्वपूर्ण साक्ष्य के रूप में काम करेंगे। हंस के करीबी सूत्रों का कहना है कि ये सारे आरोप परेशान करने वाले हैं और उन्होंने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है।
IAS संजीव हंस एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी हैं, जिन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। उनकी स्थितियों में हुई यह छापेमारी एक बड़े पेंच में तब्दील हो गई है, क्योंकि यह पहली बार नहीं है जब किसी IAS अधिकारी को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में घसीटा गया है। इस मामले में अब ED ने संजीव हंस को समन करके पूछताछ करने का निर्णय लिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस घटना से प्रशासन में और खासकर IAS अधिकारियों में एक तनाव का माहौल बन सकता है। मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामलों पर सरकार की कड़ी नजर है और ऐसे में इस छापेमारी ने एक नए सिरे से चर्चा का विषय खड़ा कर दिया है।
ईडी की और छापेमारियों की योजना के साथ, यह देखना दिलचस्प होगा कि संजीव हंस इस मामले में क्या प्रतिक्रिया देते हैं और क्या वे जांच के दायरे में आते हैं या नहीं। क्या यह सिर्फ शुरूआती कड़ी है या इसमें कोई और गंभीर बातें सामने आएंगी, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा।