हिमाचल में मानसून कमजोर, पश्चिमी विक्षोभ से उम्मीदें ज़िंदा

हाल ही में हिमाचल प्रदेश में मानसून की गतिविधियों में कमी आयी है। मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान समय में राज्य के कई हिस्सों में बारिश का स्तर काफी कम हो गया है। इस कमी के कारण राज्य के किसानों और स्थानीय लोगों में चिंता व्याप्त हो गई है। मानसून के कमजोर पड़ने से जनवरी से लेकर अब तक की बारिश की कमी ने कृषि पर असर डालना शुरू कर दिया है।

मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि हिमाचल में पिछले कुछ दिनों से मौसम साफ है, जिससे तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी हुई है। खासकर शीतल प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जहां सामान्यतः बारिश होती है, वहां अभी सूखे के संकेत मिल रहे हैं। बारिश का यह कम होना आने वाले समय में फसल के उत्पादन पर भी प्रश्नचिन्ह लगा सकता है।

हालांकि, किसानों के लिए एक उम्मीद की किरण है। 25 तारीख से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है। इस विक्षोभ के सक्रिय होने से बारिश की संभावनाएं फिर से उजागर हो सकती हैं। मौसम विभाग के अनुसार, यह पश्चिमी विक्षोभ धीरे-धीरे हिमाचल के ऊपर से गुजरेगा, जिससे बारिश की गतिविधियों में इजाफा हो सकता है। आमतौर पर, यह ऐसा समय होता है जब राज्य में अच्छी वर्षा होती है, जिससे सूखे के हालात में भी सुधार हो सकता है।

स्थानीय मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह पश्चिमी विक्षोभ सही समय पर सक्रिय होता है, तो हिमाचल प्रदेश में मानसून की कमी को कुछ हद तक पूरा किया जा सकता है। इसलिए सभी की नजर अब 25 तारीख पर टिकी हुई है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे मौसम के बदलाव के अनुसार अपनी फसल की देखभाल करें और सावधानी बरतें।

इस बीच, राज्य के निवासियों को सलाह दी गई है कि वे रह-सह की मौसम की अपडेट्स का ध्यान रखें। लोग अपने कार्यों में बदलाव कर सकते हैं ताकि उन्हें अधिक परेशानी न हो। जैसे-जैसे 25 तारीख नजदीक आ रही है, मौसम की गतिविधियों पर सभी की नजर रहेगी और उम्मीद की जा रही है कि हिमाचल में फिर से बारिश का दौर शुरू होगा।