दिल्ली में बिजली की डिमांड ने एक नया रिकॉर्ड बनाया
दिल्ली में हाल ही में बिजली की डिमांड ने एक नई ऊंचाई छू ली है, जब न्यू ईयर इव पर पहली बार बिजली की डिमांड 5,000 मेगावाट के पार चली गई। यह घटना दिल्ली की बढ़ती जनसंख्या और बढ़ते तापमान के कारण हो रही है, जिसने बिजली की खपत को बढ़ा दिया। दिल्ली ट्रांसको (DTL) ने बताया कि इस रिकॉर्ड डिमांड का मुख्य कारण बताया गया है कि उपभोक्ताओं ने अत्यधिक तापमान के चलते एयर कंडीशनर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का अधिक उपयोग किया।
इस साल नई साल की पूर्व संध्या पर, जैसे-जैसे देर रात का समय नजदीक आ रहा था, लोगों ने उत्सव मनाने के लिए अधिकतर पावर का इस्तेमाल किया। DTL के अधिकारियों के अनुसार, इस समय पावर ग्रिड पर सबसे अधिक लोड देखा गया। इससे पहले, दिल्ली में बिजली की मांग 4,800 मेगावाट के आसपास रही थी, लेकिन इस बार यह हर बार की डिमांड से अधिक निकली।
सर्दी के मौसम में सामान्यतः बिजली की डिमांड कम होती है, लेकिन इस बार तापमान में वृद्धि के साथ-साथ एयर कंडीशनर्स और हीटर का उपयोग भी बढ़ गया। इसके साथ ही चूंकि दिल्ली की जनसंख्या भी लगातार बढ़ रही है, ऐसे में यह एक स्वाभाविक घटना है। दिल्ली के सर्कार ने भी बिजली की सप्लाई को सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने की बात की है, ताकि किसी भी प्रकार की बिजली कटौती न हो।
दिल्ली में बढ़ती बिजली की खपत ने सरकार के लिए एक चुनौती बना दिया है। हालांकि, DTL ने कहा है कि वे सभी संसाधनों का उचित उपयोग कर रहे हैं ताकि बिजली आपूर्ति में कोई रुकावट न आए। आने वाले समय में, अगर बिजली की डिमांड इसी तरह बढ़ती रही, तो यह धारणीयता पर सवाल उठाएगा।
सरकार ने अब इस मामले में रणनीति बनाने और बिजली उत्पादन में सुधार लाने की आवश्यकता स्वीकार की है। इसके लिए, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। इससे न केवल बिजली की खपत को नियंत्रित किया जा सकेगा बल्कि पर्यावरण को भी बचाया जा सकेगा।
दिल्ली के निवासियों के लिए यह समय सोचने का है कि वे किस तरह से अपनी बिजली के उपयोग को बेहतर और कम करने वाले तरीकों से संतुलित कर सकते हैं। इस बदलाव से न केवल उनकी बिजली बिल में कमी आएगी, बल्कि यह पर्यावरण की सुरक्षा के लिए भी फायदेमंद होगा।
जब तक नित नए रिकॉर्ड बनते रहेंगे, तब तक हमें बिजली के सही उपयोग का ध्यान रखना होगा।