डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन: कोलकाता कांड पर शिक्षा और सुरक्षा की मांग

हाल ही में कोलकाता में हुई एक दर्दनाक घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। एक युवा डॉक्टर की हत्या और उसके साथ बलात्कार की घटना ने न केवल चिकित्सा समुदाय, बल्कि हर नागरिक को झकझोर कर रख दिया है। इस मामले के खिलाफ देशभर में डॉक्टरों ने एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया है। सभी राज्यों में डॉक्टरों ने अपने ओपीडी (Out Patient Department) को बंद रखने और कैंडल मार्च करने का निर्णय लिया है।

गोवा में भी 1,000 से ज्यादा डॉक्टरों ने ओपीडी बंद रखने का ऐलान किया है। ये सभी डॉक्टर एकजुट होकर ये संदेश देना चाहते हैं कि चिकित्सा समुदाय को सुरक्षा का आश्वासन चाहिए। प्रदर्शन में भाग ले रहे डॉक्टरों ने आरोप लगाया है कि सरकार इस प्रकार की घटनाओं को रोकने में असफल रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की है।

विरोध प्रदर्शनों में शामिल एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा, "हमें इस तरह की घटनाओं से डरने की बजाय एकजुट होकर लड़ना है। हमें शिक्षा, सुरक्षा और हमारी जान की सुरक्षा की जरूरत है।" इसी कड़ी में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा जैसी राजनीतिक पार्टियों ने भी इस मुद्दे पर अपनी सहभागिता दिखाई है। उन्होंने भी सरकार से तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया है।

सिर्फ डॉक्टर ही नहीं, बल्कि आम नागरिक भी इस अपराध के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। सोशल मीडिया पर '#JusticeForDoctors' जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। लोग इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ दोबारा न हो सकें।

इस घटना ने न केवल डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए हैं, बल्कि हमारे समाज में महिलाओं के प्रति हो रहे अत्याचार पर भी गंभीर चिंता पैदा की है। डॉक्टरों की इस आवाज ने पूरे देश में एक नई चेतना जगाई है। हम सबको मिलकर इस बात का प्रण लेना होगा कि हम समाज की हर तबके को सुरक्षित बनाएं, विशेषकर उन लोगों को जो मानवता की सेवा में लगे हुए हैं।

विरोध के इस माहौल में अब देखना ये है कि सरकार इस मुद्दे पर कैसे प्रतिक्रिया देती है और डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर क्या ठोस कदम उठाए जातें हैं।