भारत की नई रेयर अर्थ मेगनेट नीति: 7,280 करोड़ का बड़ा निवेश
भारत सरकार ने चीन की बढ़ती ताकत और उसके निर्यात प्रतिबंधों के मध्य निर्णय लिया है कि वो रेयर अर्थ मेगनेट्स के विकास में 7,280 करोड़ रुपये का भारी निवेश करेगी। इस योजना के अंतर्गत, भारत न केवल आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा बल्कि अपने आधुनिक तकनीकी उपकरणों की उत्पादन क्षमता को भी मजबूती देगा।
रेयर अर्थ मैटेरियल्स, जैसे कि नियोडिमियम, प्रासंगिक हैं जिन्हें विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक और ऑटोमोटिव उद्योग में उपयोग किया जाता है। चाइना इन मेटेरियल्स का सबसे बड़ा उत्पादक है और इसकी निर्भरता से मुक्त होना भारतीय उद्योग के लिए आवश्यक है।
टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह योजना भारतीय संगठनों और कंपनियों को स्थानीय स्तर पर उच्च गुणवत्ता के रेयर अर्थ मैगनेट्स तैयार करने में मदद करेगी। सरकार का यह कदम न केवल स्वदेशी उत्पादन को और बढ़ावा देगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगा।
इस सरकारी योजना के तहत, रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर जोर दिया जाएगा ताकि नए और प्रभावी तकनीकी समाधान प्रस्तुत किये जा सकें। इससे भारत की प्रतिकूल स्थिति में सुधार होगा जो चीन के साथ व्यापारिक टकराव के कारण उत्पन्न हुई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह योजना सफल होती है, तो इससे भारत को तकनीकी क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने का मौका मिलेगा। यह मेगनेट्स एलेक्ट्रिक गाड़ियों, स्मार्टफोन, कंप्यूटर और अन्य आधुनिक उपकरणों में आवश्यक हैं।
योजना लागू होने के बाद, भारत में रेयर अर्थ मैटेरियल्स का उत्पादन बढ़ेगा और हमें चाइना पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सरकार सभी आवश्यक संसाधनों को एकत्र कर रही है ताकि इस योजना को 2025 तक प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके।
इस कदम से भारत को वैश्विक स्तर पर तकनीकी उन्नति में बढ़त हासिल करने में भी मदद मिलेगी। आशा है कि आने वाले दिनों में भारतीय उद्योग में नई ऊँचाइयों तक पहुँचने का मौका मिलेगा।
इस योजना के शुभारंभ से भारत की तकनीकी शक्ति और भी मजबूत होगी। अगर यह सफल हुआ, तो हम केवल ख़ुद के लिए नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी क्षमता साबित करेंगे।