बच्चों के सोशल मीडिया अकाउंट के लिए पैरेंट्स की मंजूरी जरूरी, नए डिजिटल नियम आ रहे हैं
डिजिटल दुनिया में बच्चों की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। हाल ही में भारत सरकार ने बच्चों के सोशल मीडिया उपयोग के लिए नए नियमों का प्रस्ताव रखा है जिससे सुनिश्चित किया जा सके कि बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए। इन नियमों के अनुसार, बच्चों को सोशल मीडिया अकाउंट्स बनाने के लिए अपने माता-पिता से अनुमति लेनी होगी।
इस नए डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन ड्राफ्ट में यह बताया गया है कि सभी उम्र के बच्चों के लिए, जिनकी उम्र 18 साल से कम है, सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर अकाउंट बनाने से पहले अपने माता-पिता या कानूनी अभिभावकों की मंजूरी लेनी होगी। इस कदम का उद्देश्य बच्चों को ऑनलाइन खतरों से बचाना और उन्हें एक सुरक्षित डिजिटल वातावरण प्रदान करना है।
सोशल मीडिया का बढ़ता उपयोग बच्चों के बीच कई नैतिक और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बन रहा है। अधिकतर बच्चे बिना किसी सुरक्षा उपाय के ऑनलाइन गतिविधियों में भाग लेते हैं, जिससे उन्हें साइबर बुलिंग, गलत सूचना और अन्य ऑनलाइन जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है। नए नियमों से, माता-पिता को अपने बच्चों के ऑनलाइन व्यवहार पर नजर रखने का एक मौका मिलेगा।
इसके अलावा, ये नियम डिजिटल प्लेटफार्म्स के लिए नए दिशा-निर्देश भी प्रस्तुत करते हैं, जिन्हें पालन करना होगा। प्लेटफार्म्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि बच्चे अपनी आयु निर्धारित कर सकें और सही तरीके से माता-पिता की अनुमति ले सकें। इसमें माता-पिता को इस बात की पुष्टि करना होगा कि वे अपने बच्चों के लिए विभिन्न सोशल मीडिया एप्स पर अकाउंट बनाने को मंजूरी दे रहे हैं।
हालांकि, कुछ विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि यह कदम सही दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है लेकिन इसे लागू करने में कठिनाइयां भी आ सकती हैं। बच्चों की सुरक्षा के अलावा, यह भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि यह नियम बच्चों के अधिकारों का हनन न करें।
समाज में मीडिया literacy बढ़ाने के लिए यह आवश्यक है कि बच्चों और माता-पिता को सही जानकारी उपलब्ध कराई जाए। बच्चों को सही तरीके से ऑनलाइन सक्रिय रहने और सुरक्षित रहने सिखाना भी जरूरी है।
इस तरह के ड्राफ्ट नियम बच्चों के साथ ही उन परिवारों के लिए भी एक सुरक्षात्मक उपाय साबित हो सकते हैं जो अपने बच्चों को डिजिटल प्लेटफार्म पर सुरक्षित रखना चाहते हैं। एक सुरक्षित ऑनलाइन वातावरण सुनिश्चित करने के चलते इन नियमों का सही कार्यान्वयन बहुत आवश्यक होगा।