25वां कारगिल विजय दिवस: शहीदों की शहादत को याद करते हुए लखनऊ में जश्न

आज 26 जुलाई को भारत के वीर सपूतों की बहादुरी को याद करने का दिन है, जब हम कारगिल विजय दिवस मनाते हैं। यह दिन हर भारतीय के लिए गर्व का पल है। 25 साल पहले, भारतीय सैन्य बलों ने एक अदम्य साहस के साथ कारगिल की बर्फीली पहाड़ियों पर दुश्मनों को खदेड़ दिया था। इस युद्ध में अनेक शहीदों ने अपनी जान देकर मातृभूमि पर अपार बलिदान दिया।

लखनऊ शहर में आज इस दिन की महत्ता को मनाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। स्थानीय लोगों ने न केवल शहीदों को श्रद्धांजलि दी, बल्कि उनकी गाथाओं को भी याद किया। यहां के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में बच्चों ने निबंध प्रतियोगिताओं और प्रेजेंटेशंस का आयोजन किया, जिसमें उन्होंने कारगिल युद्ध में शहीद हुए योद्धाओं के साहस और बलिदान के बारे में बात की।

लखनऊ की फिजा में शहीदों की कहानियां गूंज रही थीं। कई युवा इस बात से प्रेरित थे कि कैसे हमारे सैनिकों ने दुश्मनों के खिलाफ अपनी जान की परवाह किए बिना लड़ाई की। उन्हें याद करते हुए, एक स्थानीय नागरिक ने कहा, "इन नायकों की बहादुरी हमें प्रेरित करती है कि हम अपने देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझें और उन्हें निभाएं।"

विभिन्न संगठनों ने भी इस दिन को विशेष बनाने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया। कई प्रोफेशनल्स ने मिलकर शहीदों के सम्मान में मार्च निकाला और उन्हें श्रद्धांजलि दी। साथ ही, सोशल मीडिया पर भी हर कोई अपने-अपने तरीके से शहीदों को याद कर रहा है। इस तरह, कारगिल विजय दिवस सिर्फ एक ऐतिहासिक दिन नहीं, बल्कि एक ऐसा दिन है जो हमें हमारे वीर शहीदों की शहादत का एहसास कराता है।

26 जुलाई 1999 का दिन भारतीय इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा गया है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारी सेना ने किस प्रकार अपने साहस और समर्पण से देश को सुरक्षित रखा। इस पावन दिन पर हम सभी को यह प्रण लेना चाहिए कि हम अपने देश की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहेंगे। इसी बहाने, हमें अपने शहीदों की शहादत को कभी नहीं भूलना चाहिए। वे हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे।